लखनऊ: मंगलवार को नई यूपी में आबकारी नीति 2024-25 पर योगी कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई. नीति में फुटकर देशी और अंग्रेजी शराब की दुकानों की लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में अप्रैल से शराब महंगी हो सकती है. हालांकि बुधवार को आबकारी विभाग ने साफ किया है कि नई नीति लागू होने के बाद न सिर्फ कंट्री मेड शराब की कीमतों में कमी (Liquor prices decreasing in UP) आयेगी, बल्कि सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
आबकारी कमिश्नर सेंथिल पांडियन ने शराब की कीमतों के बढ़ने के कयासों पर विराम लगाते हुए बुधवार को बताया कि, नई आबकारी नीति से प्रदेश में कंट्री मेड शराब की अलग अलग श्रेणी को संक्षिप्त करते हुए नौ श्रेणियों से इन्हें अब सिर्फ चार हिस्सों में बांट दिया गया है. शराब की कीमतों में कमी लाने का सबसे बड़ा कारण यूपी में ग्रेन (अनाज) अल्कोहल को बढ़ावा देने की नीति है. इससे राज्य की दूसरे प्रदेशों पर निर्भरता खत्म हुई है और राजस्व भी बढ़ रहा है.
यूपी में हो रहा ग्रेन अल्कोहल का प्रोडक्शन: आबकारी कमिश्नर के मुताबिक, यूपी सरकार शीरे वाली शराब की जगह अनाज वाली शराब को बढ़ावा दे रही है. ग्रेन अल्कोहल को दुनिया में सबसे अच्छी क्वालिटी वाला माना जाता है. इसके लिए यूपी में इसका इस्तेमाल करने के लिए पहले ग्रेन अल्कोहल को हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों से मंगवाना पड़ता था. योगी सरकार की पहल से यह अब उत्तर प्रदेश में ही बन रहा है. इससे इम्पोर्ट ड्यूटी बचने के साथ ही जीएसटी में भी कमी आई है.