लखनऊ: माओवादी संगठन की सक्रिय सदस्य हीरामणि देवी उर्फ आशा देवी को फरवरी 2010 में गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि वह देश के खिलाफ युद्ध छेड़कर आम जनमानस में भय, लोक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न और चुनी सरकार को हटाना चाहती हैं. शुक्रवार को एटीएस/एनआईए के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 65 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया.
सरकारी वकील एमके सिंह ने बताया कि मामले की रिपोर्ट दरोगा राजकुमार सिंह ने गोरखपुर के शाहपुर थाने में 6 फरवरी 2010 को दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और उसके फ्रंटल संगठन उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं. इस जानकारी के बाद पता चला कि संगठन के सदस्य नक्सल प्रभावित राज्यों के साथ ही प्रदेश में भी सक्रिय हैं. साथ ही देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. पुलिस टीम को यह भी सूचना मिली थी कि संगठन की माओवादी महिला सदस्य मीटिंग के लिए बाहर जाने वाली हैं. जिस पर टीम ने आरोपी हीरामणि को गोरखपुर को महिला बालक इंटर कॉलेज के पास से गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी के पास से पुलिस ने गैर सर्वहारा वर्गों के खिलाफ संघर्ष से सम्बंधित बुकलेट, क्रांतिकारी कमेटी कार्यक्रम की किताब समेत अन्य प्रतिबंधित कागजात बरामद किए थे. आरोप था कि उनका संगठन देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है. वह मीटिंग में हिस्सा लेने कानपुर जा रही थी.
होली खेलने के दौरान हत्या करने के दोषियों को उम्र कैद:वहीं, एक अन्य मामले में होली खेलने के दौरान हुए विवाद के चलते युवक की धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी गोविंद और गुरुप्रसाद को दोषी ठहराकर एडीजे सोमप्रभा मिश्रा ने आजीवन कारावास और 20-20 हजार के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट ने जुर्माने की आधी रकम पीड़ित के माता-पिता को देने का आदेश दिया है.