लखनऊ : 26 साल पहले मंडी परिषद के ठेकेदार वीके सिंह व उनके भाई महेंद्र प्रताप सिंह पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर हत्या कारित करने के मिंटू दास उर्फ पिंटू दास उर्फ अंजनी कुमार व औनिल रॉबर्ट उर्फ अनिल रॉबर्ट को अपर सत्र न्यायाधीश गौरव कुमार ने आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत के समक्ष सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता का कहना था कि इस मामले की रिपोर्ट अनिल कुमार सिंह ने 2 जनवरी 1996 को हसनगंज थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस की दी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि वीके सिंह मंडी परिषद में निर्माण इकाई निराला नगर में ठेका लेकर कार्य करते थे. जिनका काम गल्ला मंडी जायस में मेंटेनेंस का चल रहा था. उसी कार्य के सिलसिले में वह अधिकारियों से बात करने के लिए निराला नगर स्थित मंडी परिषद कार्यालय गए थे.
अभियोजन के अनुसार कार्यालय का काम समाप्त करने के बाद जैसे ही बीके सिंह अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर भाई महेंद्र प्रताप सिंह के साथ निकले वैसे ही गैलरी में सामने से विनोद सिंह, अनिल रॉबर्ट, एसके सिंह उर्फ डीएन सिंह, संजय धीमान उर्फ संजय चार्ली तथा मिंटू दास ने अपने साथियों के साथ मिलकर तमंचों से अंधाधुंध फायर कर दिया. जिसमें दोनों की जान चली गई. अभियुक्तगण दहशत फैलाने के लिए अपने असलहे लहराते हुए सड़क की ओर टहलते हुए गए. उनके डर के कारण कोई भी आदमी मृतकों के मदद के लिए आगे नहीं आया. अदालत ने दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा से दंडित करते हुए कहा कि अभियुक्तों के कृती से समाज में भय फाइल गया था. मामले में अन्य आरोपियों के फरार होने के कारण उनके मामले का विचारण नहीं हो सका.
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