लखनऊ : रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के सामने बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई थी. लाइसेंस की पेंडेंसी लाखों की संख्या को पार कर गई थी. परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस का काम कर रही कंपनी को स्मार्ट चिप ही उपलब्ध नहीं हो पा रही थी, जिसके चलते लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे थे, लेकिन अब ये समस्या पूरी तरह से दूर हो गई है. विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अब लाइसेंस की पेंडेंसी नहीं रह गई है. अब समय पर आवेदकों को उनके ड्राइविंग लाइसेंस उनके घर पर मिलेंगे.
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दो माह में परिवहन विभाग ने रिकॉर्ड अलग-अलग श्रेणी के 10 लाख लाइसेंस जारी किए हैं, जिससे अब आवेदकों के लंबित लाइसेंस उनके घरों को पहुंचने लगे हैं. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मई माह तक के आवेदन वाले ड्राइविंग लाइसेंस अब लंबित नहीं रह गए हैं. जून माह के डीएल भी अब सात दिन के अंदर आवेदकों के घर पहुंचने लगे हैं. इससे पूरी तरह से लाइसेंस की वेटिंग खत्म हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक, अब ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न नहीं होने दी जाएंगी, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी होने पाए. विभाग ने जो लाइसेंस पहुंचने की अवधि सात दिन तय कर रखी है उससे ऊपर अब किसी कीमत पर भी समय नहीं लगेगा. आवेदक के लाइसेंस के लिए आवेदन करने और परीक्षा पास करते ही लाइसेंस बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मैनेजमेंट सिस्टम का प्रोसेस पूर्ण करने के बाद डाक से तत्काल ड्राइविंग लाइसेंस भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. एक सप्ताह में आवेदक के हाथ ड्राइविंग लाइसेंस जरूर होगा.