लखनऊ:राजधानी समेत प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोग नहीं चाहते की यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं कराई जाए. सीबीएसई की तर्ज पर प्रदेश के 56 लाख छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राहत दिए जाने की मांग उठने लगी है. एमएलसी शिक्षक उमेश द्विवेदी ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को बुधवार को पत्र लिखकर सीबीएसई की तरह ही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा को रद करने और इंटरमीडिएट परीक्षा को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.
निजी स्कूल के शिक्षकों को राहत पैकेज देने की मांग
डिप्टी सीएम को लिखे पत्र में उमेश द्विवेदी ने वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति पर भी जताई चिंता और उन्हें राहत पैकेज देने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के नियम विरुद्ध निजी स्कूलों में शत-प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा रहा है जबकि 50% की अनुमति है. इस पर कार्रवाई की जाए. शिक्षकों को कोरोना से बचाने के लिए घर से ऑनलाइन शिक्षण व अन्य कार्य देखने का आदेश पारित किया जाए.
एमएलसी ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा रद करने के लिए डिप्टी सीएम को लिखा पत्र - mlc umesh dwivedi sent letter to the deputy cm
एमएलसी शिक्षक उमेश द्विवेदी ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को बुधवार को पत्र लिखकर सीबीएसई की तरह यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा रद करने और इंटरमीडिएट परीक्षा को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.
![एमएलसी ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा रद करने के लिए डिप्टी सीएम को लिखा पत्र](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-11402843-thumbnail-3x2-dm.jpg)
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सीबीएसई के फैसले के बाद पकड़ा जोर
प्रदेश के बिगड़ते हालातों को देखते हुए पहले ही इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षाएं डालने की मांग की जा रही थी. लेकिन सीबीएसई के फैसले के बाद इस मांग ने जोर पकड़ लिया है. सोशल मीडिया पर दोपहर बाद ही परीक्षा टालने की मांग जोर पकड़ने लगी. लोगों की मांग है कि सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड की हाई स्कूल की परीक्षा भी रद कर दी जानी चाहिए. जिस फार्मूले के आधार पर सीबीएसई अपने बच्चों को अंक बांटने जा रहा है. वही फार्मूला यूपी बोर्ड भी अपने बच्चों के लिए लागू कर दे. इंटरमीडिएट की परीक्षाएं टाल दी जाएं. स्थितियां सामान्य होने पर नया कार्यक्रम निर्धारित करके परीक्षाएं कराई जाए.