लखनऊ: राजधानी में वर्ष 2020 के शुरुआती सात महीनों में बड़े अपराध जैसे, डकैती, लूट, हत्या, वाहन चोरी, फिरौती, अपहरण, दहेज हत्या, बलात्कार में गिरावट दर्ज की गई है. ज्वाइंट कमिश्नर अपराध नीलाब्जा चौधरी के अनुसार, वर्ष 2020 के शुरुआती सात महीने में लूट में 60%, डकैती में 66%, हत्या में 32%, बलात्कार में 38% और वाहन चोरी में 56% गिरावट दर्ज की गई है, जिसका एक बड़ा कारण लॉकडाउन को माना जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान मार्च-अप्रैल में अपराध में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है.
पिछले वर्षों की तुलना में अपराध कम
वर्ष 2019 में मार्च और अप्रैल महीनों में चार लूट की घटनाएं दर्ज की गई थी, जबकि वर्ष 2020 में इन दो महीने में सिर्फ एक लूट की घटना दर्ज की गई है. हत्या की बात करें तो वर्ष 2019 के दो महीनों में 11 हत्या दर्ज की गई थी, जबकि 2020 में सिर्फ 3 हत्याएं दर्ज की गई हैं. 2019 में इन दो महीने में आठ बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गई थी, जबकि 2020 में सिर्फ तीन बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गई. सबसे ज्यादा कमी पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए मामलों में आई है. वर्ष 2019 में 18 पॉक्सो एक्ट के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 के इन दो महीनों में सिर्फ तीन पॉक्सो एक्ट के मामले दर्ज किए गए.
लॉकडाउन में अपराध पर लगा लगाम
अप्रैल माह में पूरी तरह से लॉकडाउन रहा. ऐसे में अप्रैल माह में लूट की एक, हत्या दो, बलात्कार की तीन, नकद जानी की 15, वाहन चोरी की 13, चोरी की 39, बलवा की एक और दहेज से संबंधित जुड़े अपराध के तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जो बीते वर्ष के अप्रैल महीने में दर्ज किए गए अपराधों की संख्या से काफी कम है. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद मई के पास से अपराधों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन यह इजाफा वर्ष 2018-19 के मुकाबले काफी कम हैं. पिछले 3 वर्षों के आपराधिक आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 2020 के शुरुआती 7 महीने की स्थिति पिछले 2 वर्षों के अपराध की स्थिति से बेहतर है.
हत्या, लूट, डकैती की क्या रही स्थिति