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प्रशासन के सख्त चेतावनी के बाद भी जारी है लेखपालों का प्रदर्शन - प्रदेश भर में लेखपाल कर रहे प्रदर्शन

प्रदेश के कई जिलों में लेखपाल पिछले 17 दिनों से अपने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रशासन के सख्त रवैये के बाद भी लेखपालों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है.

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प्रदेश भर में लेखपालों का जारी है प्रदर्शन

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Published : Dec 26, 2019, 10:21 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 10:54 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में चल रही लेखपालों की हड़ताल को लेकर सरकार भले ही सख्त कदम उठा रही हो, लेकिन अब लेखपालों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है. महोबा जिले में सरकार के कार्रवाई के बाबजूद भी लेखपालों की हड़ताल लगातार जारी है, जिसके चलते ग्रामीणों सहित स्थानीय नागरिक भी खासा परेशान हैं.

वहीं दूसरी तरफ हरदोई जिले में गुरुवार को जिलाधिकारी के समक्ष लेखपालों का धरना प्रदर्शन जारी रहा. जिलाधिकारी ने एसडीएम को लेखपालों के ऊपर धारा 144 का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. शाहजहांपुर जिले में पिछले 17 दिनों से हड़ताल पर बैठे लेखपाल पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. प्रदर्शनकारी लेखपालों का कहना है कि हम जेल जाने को भी तैयार हैं.

बाराबंकी जिले में लेखपालों के हड़ताल के चलते अब तक 42 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है, बावजूद इसके लेखपाल आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशसान उनकी अनदेखी के साथ साथ उत्पीड़न भी कर रहा है.

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महोबा में कार्रवाई के बाद भी जारी रहा लेखपालों का प्रदर्शन

जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में लेखपाल विगत 13 दिसम्बर से 8 सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्ण कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेखपालों की हड़ताल को लेकर शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई की, बावजूद इसके लेखपालों का धरना जारी है. प्रदर्शनकारी लेखपालों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक धरना जारी रहेगा.

लेखपालों के प्रदर्शन से लोगों को हो रही परेशानी.

सरकार की कार्रवाई पर लेखपालों में आक्रोश
महिला लेखपाल मीनू यादव ने बताया कि हम अपनी 8 सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. सरकार हम लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई कर रही है, जिससे हम लोगों में काफी आक्रोश है. इस बार हमें आश्वासन नहीं बल्कि लिखित आदेश चाहिए.

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हरदोई में धारा 144 लागू होने के बाद भी जारी रहा लेखपालों का प्रदर्शन

जिले में सैकड़ों लेखपालों ने गुरुवार को सदर तहसील में विरोध प्रदर्शन कर धारा 144 का उल्लंघन किया. लेखपालों के प्रदर्शन के दौरान जिलाधिकारी पुलकित खरे तहसील परिसर का निरीक्षण कर रहे थे, लेकिन उनकी मौजूदगी के बाद भी लेखपालों का प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में 12 पदाधिकारियों के निलंबन पर सरकार के ऊपर दमनकारी नीति से कार्य किए जाने का आरोप लगाया है.

जिलाधिकारी के समक्ष लेखपालों का जारी रहा प्रदर्शन.

जिलाधिकारी ने लेखपालों पर कार्रवाई के दिए निर्देश
वहीं धारा 144 के उल्लंघन पर लेखपालों ने कहा कि वह शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, इसीलिए हम पर धारा 144 लागू नहीं होती. वहीं जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर तहसील से इन लेखपालों पर कार्रवाई करने और उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी दिए जाने के निर्देश दिए.

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शाहजहांपुर में 17 दिनों से हड़ताल पर हैं लेखपाल

जिले के खिरनी बाग रामलीला मैदान में लेखपाल पिछले 17 दिनों से अपनी कलम बंद हड़ताल करके धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष अजय चौधरी और जिला मंत्री आलोक यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जबकि धरने पर बैठे सभी लेखपालों की 3 दिन की सर्विस ब्रेक कर दी है.

पिछले 17 दिनों से लेखपाल कर रहे प्रदर्शन.

आर-पार की लड़ाई का लेखपालों ने किया एलान
इस कार्रवाई के बाद भी लेखपाल पीछे हटने को तैयार नहीं है. लेखपालों ने चेतावनी दी है कि या तो सरकार उनकी मांगें माने, नहीं तो वह जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन काम पर वापस नहीं लौटेंगे.

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बाराबंकी में 42 लेखपालों का हो चुका निलंबन
"अबकी बार आर-पार " और "हल इसी गली से निकलेगा" जैसे नारे लगाते अपनी मांगों को लेकर एक पखवारे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे लेखपाल किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं हैं. हड़ताल के चलते बाधित हो रहे काम को देखते हुए जिले में 42 लेखपालों को निलंबित भी किया जा चुका है.

प्रदर्शन के चलते 42 लेखपाल हो चुके निलंबित.

अपने पद से आगे नहीं बढ़ पाता लेखपाल
लेखपालों का कहना है कि 30-30 साल बीत जाने के बाद भी लेखपाल अपने ही पद पर रह जाते हैं, जबकि दूसरे नौकरियों में प्रोन्नति होती है. यही नहीं वेतन की तमाम विसंगतियां हैं. शासन और राजस्व परिषद की अनुमति के बाद भी शासन में बैठे उच्चाधिकारियों द्वारा उत्पीड़न करने की मानसिकता के चलते आज तक शासनादेश जारी नहीं किया गया.

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Last Updated : Dec 26, 2019, 10:54 PM IST

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