लखनऊ : विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य के बाद कुछ एमएलसी ने अपनी बातें रखीं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण बात बलिया से एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू भैया ने कही. उन्होंने कहा कि प्रत्येक एमएलसी को 100-100 हैंडपंप अलॉट कर दिए जाएं. ताकि क्षेत्र में पानी की समस्या ना हो. इस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि अब हैंडपंप जरूरत नहीं है अब तो हर घर नल से जल योजना पर काम हो रहा है. इस पर रविशंकर पप्पू भैया ने मुख्यमंत्री के सामने ही कहा कि हर घर नल से जल केवल योजना है. इससे कोई लाभ नहीं हो रहा है हमारे लिए तो हैंडपंप ही बेहतर हैं. इसी तरह से शिक्षक गुट के एमएलसी ने तदर्थ शिक्षकों के वेतन और बहुजन समाज पार्टी के एमएलसी भीमराव आंबेडकर ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को तय करने की मांग की. इसके साथ ही विधान परिषद और विधानसभा के विधायकों को बराबरी का दर्जा देने की मांग भी उठाई गई.
Legislative Council UP : भाजपा एमएलसी ने कहा-हर घर नल से जल केवल योजना, मुख्यमंत्री ने नहीं लिया संज्ञान - रविशंकर सिंह पप्पू भैया एमएलसी
उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Legislative Council UP) में गुरुवार को बलिया से एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू भैया ने हर घर नल से जल योजना पर सवाल उठा दिया. उन्होंने सभापति के सामने प्रत्येक एमएलसी को 100-100 हैंडपंप अलॉट करने की मांग रखी. इस दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री ने उनकी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 2 घंटे तक बजट पर विधान परिषद में चर्चा की. आखिर में उन्होंने सभी सदस्यों से मांग की कि सर्वसम्मति से इस बजट को विधान परिषद में पास किया जाए. मुख्यमंत्री की मौजूदगी का फायदा विधान परिषद के सदस्यों ने उठाया. मगर सभी उस वक्त दंग रह गए जब रविशंकर सिंह पप्पू भैया ने सत्ताधारी दल से होने के बावजूद हर घर नल से जल योजना पर सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक एमएलसी को 100-100 हैंडपंप अलॉट कर दिया जाए.हर घर नल से जल योजना केवल एक योजना है. इससे गांव को कोई लाभ नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री ने उनकी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया.
शिक्षक क्षेत्र से एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने तदर्थ शिक्षकों को होली में वेतन देने की मांग की. जिस पर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में पूरी गंभीरता से विचार किया जा रहा है वेतन का भुगतान होगा. बहुजन समाज पार्टी के एमएलसी भीमराव आंबेडकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में श्रमिकों का न्यूनतम वेतन नए सिरे से तय होना चाहिए. मनरेगा जैसी योजनाओं में वेतन बढ़ाना चाहिए. जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन हो चुका है. सभी कर्मचारियों को बेहतर वेतन मिले इस पर हम काम कर रहे हैं. हाल ही में नगर विकास विभाग ने श्रम विभाग के मानकों को अपनाया है और हम भी उसी पर काम कर रहे हैं.