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मुजफ्फरनगर: मिड-डे मील में मिला मृत चूहा, विधान परिषद में शिक्षक दल के सदस्यों ने उठाया मुद्दा - मुजफ्फरनगर में मिड डे मील

मुजफ्फरनगर में मिड डे मील को खाने से कई बच्चे और शिक्षक बीमार पड़ गए. मिड डे मील में मृत चूहा पड़ा हुआ था. इस मामले में हेड मास्टर और शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. यह पूरा मामला विधान परिषद में सदस्यों द्वारा उठाया गया.

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विधान परिषद में शिक्षकों ने उठाया मुजफ्फरनगर का मुद्दा.

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Published : Dec 19, 2019, 2:00 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 8:08 AM IST

लखनऊ:मुजफ्फरनगर के सहायक माध्यमिक विद्यालयों में मिड डे मील वितरण व्यवस्था से शिक्षकों द्वारा खुद को अलग किए जाने का मामला विधान परिषद में शिक्षक दल के सदस्यों ने उठाया. सदस्यों ने बताया कि मिड डे मील में 3 दिसंबर को मृत चूहा पाए जाने के बाद शिक्षा अधिकारियों ने हेड मास्टर और शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

विधान परिषद में सदस्यों ने दी जानकारी.

एफआईआर रद्द करने की मांग कर रहे शिक्षकों को बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बताया कि पुलिस की जांच में अगर शिक्षक दोषी न पाए गए तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. प्राथमिकी रद्द करने के लिए जब सरकार तैयार न हुई तो पीठ ने व्यवस्था दी कि बेसिक शिक्षा मंत्री का वक्तव्य ही शिक्षकों के बीच वितरित कर दिया जाए.

मिड डे मील में बांट दिया गया मृत चूहा
नियम 105 के तहत शिक्षक दल के सदस्य हेम सिंह पुंडीर ने सदन को बताया कि मुजफ्फरनगर के जनता इंटर कॉलेज, मुस्तफाबाद पचेड़ा में 3 दिसंबर को, जो मिड डे मील एनजीओ की ओर से उपलब्ध कराया गया, उसमें मृत चूहा पड़ा था. मिड डे मील को एक शिक्षक ने चखा तो वह अस्वस्थ हो गए. इसके साथ ही कुछ छात्र भी अस्वस्थ हो गए.

शिक्षकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द हो
हेम सिंह पुंडीर ने बताया कि जिन बच्चों ने मृत चूहे को देखा, वह घबराकर चिल्लाए. प्रधानाचार्य ने अपने मोबाइल फोन से जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिले के अन्य विद्यालयों को भी सूचना दी, जिससे कि दूषित खाद्य पदार्थ का सेवन अन्य बच्चे न करें. इस मामले में मिड डे मील वितरित करने वाले एनजीओ के दबाव में आकर जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर ने पुलिस अधिकारी को निर्देशित कर प्रधानाचार्य और 2 शिक्षकों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी है. यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटने वाली बात है. शिक्षकों के ऊपर दर्ज की गई इस रिपोर्ट को रद्द किया जाना चाहिए.

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एनजीओ को काली सूची में डाला गया
इसके जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने सदन को बताया कि जिस एनजीओ ने मिड डे मील का वितरण कराया था, उसे 3 साल के लिए काली सूची में डाल दिया गया है. इसके अलावा उसका कांट्रैक्ट तुरंत से रद्द किया गया है. एफआईआर भी दर्ज कराई गई है, लेकिन शिक्षकों के खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ है, वह उसी प्राथमिकी का हिस्सा है.

मिड डे मील के लिए अलग से व्यवस्था करे सरकार
सतीश द्विवेदी ने बताया कि पुलिस जांच से स्पष्ट हो जाएगा कि शिक्षकों का कोई दोष नहीं है, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस पर शिक्षक दल के सदस्य सुरेश कुमार त्रिपाठी ने आपत्ति जताई और कहा कि शिक्षकों का काम छात्रों को पढ़ाना है. मिड डे मील बांटना और चखना उनका काम नहीं है. सरकार को मिड-डे-मील बांटने के लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में जो हुआ है, उसमें शिक्षकों ने अपने दायित्व को समझते हुए तत्काल इसकी सूचना पूरे जिले में प्रसारित की, जिससे किसी दूसरे विद्यालय में छात्र मिड डे मील का उपयोग कर बीमार न पड़े. ऐसे में शिक्षकों के खिलाफ ही मामला दर्ज करना उनकी प्रताड़ना है. सरकार को चाहिए कि इस प्राथमिकी को रद्द कराए.

इस पर पीठ ने नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा और बेसिक शिक्षा मंत्री से सदस्य की मांग पर विचार करने को कहा, लेकिन जब मंत्री अपने पूर्व कथन पर अड़े रहे तो अधिष्ठाता ओमप्रकाश शर्मा ने व्यवस्था दी कि बेसिक शिक्षा मंत्री ने जो कुछ भी इस प्रकरण में सदन में कहा है, वह शिक्षकों में वितरित कर दिया जाए.

Last Updated : Dec 19, 2019, 8:08 AM IST

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