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अक्टूबर में बिहार के नेता देंगे यूपी में दस्तक, करेंगे चुनावी शंखनाद

यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार बिहार की पार्टी अभी पूरी सक्रियता के साथ जुट रही हैं. इनमें नीतीश कुमार शासित बिहार की जनता दल यूनाइटेड और पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी शामिल है. हालांकि यह दोनों पार्टियां केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल हैं और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी के साथ ही मैदान में ताल ठोकना चाहती हैं.

अक्टूबर में बिहार के नेता देंगे यूपी में दस्तक
अक्टूबर में बिहार के नेता देंगे यूपी में दस्तक

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Published : Sep 13, 2021, 5:13 PM IST

लखनऊ : अगले माह उत्तर प्रदेश की धरती पर बिहार के नेता दस्तक देंगे और अपनी पार्टी का चुनावी बिगुल फूंकेंगे. बिहार की इस पार्टी के नेताओं में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह शामिल हैं. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचेंगे. यह नेता बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए कार्यकर्ताओं में दम भरेंगे, तो यूपी विधान सभा चुनाव में भी पार्टी की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं को गुरु मंत्र देंगे.

यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार बिहार की पार्टी अभी पूरी सक्रियता के साथ जुट रही हैं. इनमें नीतीश कुमार शासित बिहार की जनता दल यूनाइटेड और पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी शामिल है. हालांकि यह दोनों पार्टियां केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल हैं और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी के साथ ही मैदान में ताल ठोकना चाहती हैं. दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत कर अपना विस्तार करना चाहती हैं. इसीलिए अब इनकी नजर उत्तर प्रदेश पर है. अक्टूबर माह में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस लखनऊ आ रहे हैं. 15 अक्टूबर को लखनऊ में लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. साथ ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तय करेंगे.

अक्टूबर में बिहार के नेता देंगे यूपी में दस्तक
पार्टी के स्थापना दिवस में करेंगे शिरकत
बात करें अगर जनता दल यूनाइटेड की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में लखनऊ आएंगे. 30 अक्टूबर को पार्टी का स्थापना दिवस है और इस बार चूंकि यूपी विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में पार्टी बिहार के बजाय उत्तर प्रदेश में ही बड़े स्तर पर स्थापना दिवस मनाने के मूड में है. इससे पहले नीतीश का लखनऊ दौरा हो, पार्टी प्रदेशभर में अपने पदाधिकारियों को एक्टिव करना चाहती है. इसीलिए 15 सितंबर को प्रदेशभर से पदाधिकारियों को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए बुलाया जा रहा है. इस बैठक में पार्टी के नेता भविष्य की रणनीति तय करेंगे. साथ ही जिला और मंडल स्तर पर होने वाले सम्मेलनों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.
क्या कहते हैं जेडीयू नेता
जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर केके त्रिपाठी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में हम बिहार की तरह भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत भी लगभग फाइनल हो गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को उत्तर प्रदेश आने के लिए आमंत्रित किया गया है. उम्मीद है कि अक्टूबर माह में उनका लखनऊ दौरा होगा. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी अपने संगठन को लगातार विस्तार दे रही है. इसी क्रम में 15 सितंबर को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है.
क्या कहते हैं एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ललित नारायण चौधरी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी को मजबूत करना है. इस बार चुनाव के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं. 15 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस का पहला लखनऊ दौरा होगा. यहां पर पार्टी के कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी मंथन करेंगे.
अक्टूबर में उत्तर प्रदेश आएंगे पशुपति नाथ पारस

वहीं लोकजनशक्ति पार्टी का दूसरा धड़ा चिराग पासवान के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के चुनाव में दो-दो हाथ करने को तैयार है. चिराग पासवान उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पहले से एलान कर दिया है. ऐसे में बिहार की पार्टियों की उत्तर प्रदेश में इंट्री के बाद से इस बार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है.


मुकेश सहनी भी मैदान में

बिहार सरकार के मंत्री और वीआईपी (Vikassheel Insaan Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) भी अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. दस्यु सुंदरी और पूर्व सांसद स्व. फूलन देवी (Phoolan Devi) के सहारे वे यूपी में अपनी जड़ जमाना चाहते हैं. यही वजह है कि फूलन देवी की शहादत दिवस पर 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के करीब 18 जिलों में प्रतिमा लगाने की तैयारी की थी. हालांकि वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए.

पढ़ें-यूपी चुनाव में बिहार के दलों की राजनीतिक दावेदारी, किसकी कितनी तैयारी!

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