लखनऊ :विधानसभा में मंगलवार कोराज्यपाल के अभिभाषण चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण खोखला है. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सदन में मौजूद रहे.
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण केवल भ्रमित करने वाला, जनता की अपेक्षाओं और आशाओं को ठेस पहुंचाने वाला है. उनके अभिभाषण से किसान, गरीब, रोजगार और मध्यमवर्ग को निराशा हुई है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार कहती है कि सबका साथ सबका विकास, लेकिन करती है कुछ का साथ कुछ का विकास. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में गरीब, नौजवान, वृद्ध, ग्रामीण, कर्मचारियों और व्यापारियों के कल्याण की कोई भी ठोस कार्ययोजना दिखाई नहीं दी है. आर्थिक मंदी से देश-प्रदेश की जनता परेशान है. विकास के कार्य ठप पड़े हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण का निर्धारित समय से साढ़े सात मिनट की देर से शुरू हुआ. राज्यपाल अभिभाषण पढ़ना नहीं चाह रही थीं. इसलिए उन्हें यहां आने में देर हुई.
कोरोना काल में हुआ भ्रष्टाचार
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश में प्लेग जैसी बीमारी आई थी. लाखों लोगों की मौत हुई थी. तब लॉकडाउन घोषित नहीं हुआ था. चेचक की बीमारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई. तब भी लॉकडाउन नहीं लगा था. इस कोरोना काल में मुख्यमंत्री की देश और दुनिया में प्रशंसा हुई, इसके लिए बधाई. इन्होंने मेहनत की, इसके लिये मुख्यमंत्री को धन्यवाद. नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री खुद ईमानदार हो सकते हैं, लेकिन कोरोना काल में भ्रष्टाचार हुआ है. भ्रष्टाचार का मुद्दा इनके विधायकों ने खुद उठाया है. जब भी प्रदेश में ऐसी महामारी आई है, तब सरकार ने विपक्ष को साथ लेकर योजना बनाई है. इस सरकार ने ऐसा नहीं किया. इस पर हमने सीएम को डेढ़ पेज का पत्र लिखा है.
पत्रकारों को भी पेंशन मिलनी चाहिए
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पत्रकारों को भी कोरोना योद्धा घोषित करने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा गया था. पत्रकारों की कोरोना से मौत पर कम से कम 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की मांग की गई थी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को पेंशन की व्यवस्था है, तो फिर चौथे स्तंभ के लिए क्यों नहीं? पत्रकारों को भी पेंशन मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
40 दिन तक पॉजिटिव रखा
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम अपना हार्ट चेक कराने गए थे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने कह दिया कि करोना है. इसके बाद हमें पीजीआई भेज दिया गया. पीजीआई पहुंचते ही मुख्यमंत्री का फोन आया. मुख्यमंत्री ने पीजीआई प्रबंधन से फोन पर बात की, मुझसे भी बात की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 40 दिन तक हमें विशेष वार्ड में पॉजिटिव रखा गया. उन्होंने आगे कहा कि सरकार वह संख्या बताए, जिनकी मौत कोरोना काल में पैदल चलते हुए रेल की पटरी पर हुई है. जितने लोग की कोरोना से मौत हुई है उससे ज्यादा अन्य बीमारियों से मर गए, क्योंकि उस दौरान अस्पताल बंद थे. इसलिए उन्हें इलाज नहीं मिला.
कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट
सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहे हैं, वे परेशान हैं. किसान कहता है कि तीनों कृषि कानून उनके लिए डेथ वारंट जैसे हैं. सत्ता को आंदोलन के दौरान किसानों का खाना अच्छा नहीं लग रहा. सरकार के लोग कहते हैं कि आंदोलन कर रहे किसान जलेबी, पिज्जा और मलाई खा रहे हैं. मैं पूछता हूं कि किसान क्यों नहीं खा सकता ? वही तो अन्न पैदा करता है.
एमएसपी पर नहीं हुई धान की खरीद
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने किसानों के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर धान की खरीद नहीं हुई है. मुख्यमंत्री चाहें तो इसकी जांच किसी भी एजेंसी से करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश भर में 9, 10 और 11 रुपये में धान की खरीद की गई है. आंदोलनजीवी पर रामगोविंद चौधरी ने कहा कि अगर लोगों ने आंदोलन नहीं किया होता, तो यह देश आजाद नहीं होता. गांधीजी ने कहा था इस देश का प्रधानमंत्री किसान होना चाहिए. इतने दिन बाद षड्यंत्र रचा गया कि किसान मजदूर हो जाएं. उन्होंने कहा कि किसानों को अन्नदाता के रूप में माना जाए और एमएसपी पर कानून बनाया जाए. आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई है. उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. उनके लिए मुआवजा घोषित किया जाए.
यूपी में जंगलराज कायम
बसपा नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार की झूठी उपलब्धियां गिनाई गई हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना से लोगों को बचाने का ढोल पीटा जा रहा है. दूसरे कई देश ऐसे हैं, जिनसे हम ज्यादा बेहतर व्यवस्था नहीं कर पाए. जिन लोगों को कोरोना नहीं हुआ, उनकी इम्युनिटी बेहतर थी. उसमें सरकार का कोई योगदान नहीं रहा. कानून व्यवस्था पर लालजी वर्मा ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज नहीं रह गया है. उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम है. महिलाओं के प्रति 20 राज्यों में यूपी से कम अपराध हुए हैं.