लखनऊ : वर्षों के संघर्ष और अदालती लड़ाई के बाद अवैध कब्जे से छुड़ाई गई बेशकीमती भूमि एलडीए बिल्डर के हवाले करने जा रहा है. सरकार सस्ती हाउसिंग के लिए 'नई अफोर्डेबल हाउसिंग नीति' लाई है, लेकिन एलडीए शहर के बीच ऐशबाग में तीन लाख वर्ग मीटर भूमि बिल्डर को ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए देने जा रही है और यहां बिल्डर मनमानी कीमत पर फ्लैट लोगों को बेचेगा. जाहिर है कि प्राधिकरण यहां 'नो प्रॉफिट नो लॉस' वाले फ्लैट नहीं बनाएगा, जिससे शहर के इस खास इलाके में संपत्ति के दाम भविष्य में और बढ़ेंगे.
सरकार की नीति 'अफोर्डेबल हाउसिंग', लेकिन महंगे फ्लैट बेचने के लिए एलडीए बिल्डर के हवाले कर रहा तीन लाख वर्ग फीट जमीन - group housing in lucknow
सरकार की मंशा है कि 2022 तक हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान हो, जिसके लिए पिछले सप्ताह आवास विभाग ने 'नई अर्फोडेबल हाउसिंग पॉलिसी' जारी की. इस पॉलिसी में सात लाख से 25 लाख रुपये कीमत के ही मकान बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों और बिल्डरों को प्रेरित किया जा रहा है, जिसमें सात से 15 लाख रुपये कीमत के आवास अधिक बनाए जाने हैं.
सरकार की मंशा है कि 2022 तक हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान हो, जिसके लिए पिछले सप्ताह आवास विभाग ने 'नई अर्फोडेबल हाउसिंग पॉलिसी' जारी की. इस पॉलिसी में सात लाख से 25 लाख रुपये कीमत के ही मकान बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों और बिल्डरों को प्रेरित किया जा रहा है, जिसमें सात से 15 लाख रुपये कीमत के आवास अधिक बनाए जाने हैं. इसके विपरीत इतने बड़े भूखंड पर खुद ही सस्ती ग्रुप हाउसिंग बनाने की जगह उसको बिल्डर को बेच देने से किस तरह से सस्ती आवासीय योजना का सपना पूरा होगा, यह बड़ा सवाल है.
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