लखनऊ : राजधानी में भूमाफिया और अवैध कब्जा (Illegal possession) करने वालों के खिलाफ जिला अधिकारी ने अभियान चलाया है. शुक्रवार देर रात लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने सरकारी जमीन बेचने के एक प्रकरण में मुकदमा दर्ज कराया है. प्राधिकरण की ओर से ठाकुरगंज थाने में शिकायत पत्र देकर मुकदमे की कार्यवाही को आगे बढ़ा दिया गया है.
सरकारी जमीन को बेचने की कोशिश
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि सआदत गंज में सरकारी जमीन को बेचने की कोशिश की गई. यावर हुसैन पुत्र हिदायत हुसैन निवासी काजमैन 392-37 क मैदान एलएच खां, अख्तर हुसैन पुत्र हिदायत हुसैन, निशात पुत्र हिदायत हुसैन, तनवीर जहां पत्नी आरजू, इरशत जहां पत्नी हसन अब्बास निवासी कश्मीरी मोहल्ला, मैदान एलएच खां सआदतगंज ने कृष्ण कुमार शुक्ला, राघवेंद्र प्रसाद सिंह और आशू सिंह के साथ साठगांठ करते हुए खसरा संख्या 256, 257, 250, 248, 249 मोहल्ला तोपखाना बालकगंज, थाना ठाकुरगंज (जो कि नजूल भूमि है) का रजिस्टर्ड समझौता किया गया.
इन लोगों के खिलाफ सरकारी भूमि को हड़पने का प्रयास करने, अनाधिकृत क्रय विक्रय, धोखाधड़ी करने और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने व अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया गया है. नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह की ओर से एक और तहरीर दी गई.
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वहीं, दूसरी जमीन ठाकुरगंज के बालागंज इलाके में बेचने की कोशिश की गई है. इसके लिए सुरेश कुमार, संत राम पुत्र स्वर्गीय बुद्धा उर्फ लोकई जो कि ग्राम हड़ही बाजार, बालागंज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई.
सरकारी जमीन को लेकर हो रहा है खेल
उत्तर प्रदेश की राजधानी में सरकारी जमीनों को बेचने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है. नजूल की जमीन कोई बकायदा रजिस्ट्री कराई जा रही है. इसको लेकर बीते दिनों कई मामलों में तहरीर भी दर्ज कराई गई. सरकारी तंत्र की साठगांठ के चलते यह खेल जोरों पर चल रहा है. जानकारों की मानें तो इस खेल में एलडीए समेत कई सरकारी विभागों की कर्मचारी शामिल हैं. उनके संरक्षण में ही सरकारी जमीनों को बेचा जा रहा है.