लखनऊ :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) का अब तक का अंतरिक्ष का सफर कैसा रहा है और भारत ने अब तक अपने अंतरिक्ष प्रोग्राम में कितनी उपलब्धि हासिल की है. यह बताने के लिए स्पेस एप्लीकेशन सेंटर इसरो अहमदाबाद की तरफ से सिटी मोंटेसरी स्कूल कानपुर रोड में इसरो स्पेस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. तीन दिवसीय प्रदर्शनी में बच्चों को चंद्रयान, मंगलयान और गगनयान सहित अभी तक के सबसे उन्नत रॉकेट, तकनीक से परिचित करवाया जा रहा है. तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया.
बच्चों को दी जा रही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की जानकारी |
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गुड़गांव व असम से प्रदर्शनी देखने पहुंचे बच्चे : सीएमएस स्कूल में लगी प्रदर्शनी में राजधानी के विभिन्न स्कूलों के अलावा हरियाणा, गुड़गांव व असम से भी बच्चे पहुंचे हैं. इस प्रदर्शनी में बच्चों ने अंतरिक्ष उपयोग केंद्र इसरो अहमदाबाद के वैज्ञानिकों से बातचीत कर जानकारी जुटा रहे हैं. इसके अलावा वैज्ञानिकों ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से छात्रों से पूछा कि इससे आपने क्या सीखा, भविष्य में हमारे सामने कौन-कौन सी चुनौतियां आने वाली हैं. संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेशभाई भट्ट ने प्रदर्शनी में आए बच्चों को राकेट लॉन्च करने की पूरी प्रक्रिया को लाइव दिखाई. साथ ही उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए सभी स्टॉल्स और चीजों के बारे में जानकारी. बच्चों को बताया कि कैसे सैटेलाइट का सबसे ऊपरी हिस्सा ही अंतरिक्ष में जाता है. उस पर एक कैमरा लगा होता है इस कमरे से हम अंतरिक्ष की सारी तस्वीर को खींचते हैं. इसके अलावा सैटेलाइट को तापमान से बचने के लिए विशेष प्रकार के गोल्डन कलर का पॉलीमर उपयोग किया जाता है. जो गर्मी और ठंड के समय हमारे सैटेलाइट को बचाता है. इस तरह की सभी जानकारियां बच्चों को दी गई.
प्रदर्शनी के लिए सीएमएस के 50 बच्चों ने की विशेष तैयारी :सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी ने बताया कि इस प्रदर्शनी के लिए विशेष तौर पर विद्यालय के 50 बच्चों को अंतरिक्ष उपयोग के अहमदाबाद के वैज्ञानिकों ने ट्रेंड किया है. संस्थान के एक्सपर्ट ने हमारे सभी बच्चों को प्रदर्शनी में लगाए गए एक-एक चीज के बारे में विस्तार से जानकारी दी. हमारे विद्यालय में जो प्रदर्शनी लगी है और जो भी चीजें डिस्प्ले की गई हैं उसके बारे में जानकारी हमारे बच्चों द्वारा दूसरे विद्यालयों के बच्चों, टीचरों और अभिभावकों को दी जा रही है.