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यूपी में डेंगू का कहर : प्रदेश में नहीं थम रहा प्रकोप, 240 नए केस मिले

यूपी में डेंगू का प्रकोप नहीं थम रहा है. यहां मच्छरों का हमला लगातार जारी है. उधर सामान्य बुखार के मरीजों की भी अस्पतालों में भरमार है. सोमवार को 240 डेंगू के नए मरीज मिले. वहीं लखनऊ में भी बीमारी नहीं थम रही है, जिले में 28 नए मरीज पाए गए.

यूपी में डेंगू का कहर
यूपी में डेंगू का कहर

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Published : Oct 18, 2021, 7:33 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 9:17 PM IST

लखनऊ :राज्य में बुखार का प्रकोप नहीं थम रहा है. यहां मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव व गंदगी से स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 13, 300 के करीब हो गयी. लखनऊ में 28 डेंगू के मरीज मिले. इसके अलावा फैजुल्लागंज में 120 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं. 12 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है. 32 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.

डेंगू ने छात्रा की ली जान, हफ्ते भर में लखनऊ में दूसरी मौत

लखनऊ के काकोरी निवासी एक छात्रा की डेंगू से मौत हो गई. डेंगू से हुई छात्रा की मौत के बाद एक तरफ जहां पीड़ित परिवार में कोहराम मचा हुआ है, वहीं इलाके में सनसनी है. दरअसल, काकोरी के बढ़ौना गांव निवासी रविराज बीजेपी के मंडल अध्यक्ष हैं. उनकी बेटी वंशिका सातवीं क्लास की छात्रा थी. पांच दिन पहले उसे बुखार आया था. परिजनों ने सामान्य बुखार समझकर क्लीनिक से दवा ले ली. सुधार न होने पर नजदीकी निजी अस्पताल में दिखाया. यहां भी डेंगू की जांच नहीं कराई गई. शनिवार रात को छात्रा को उल्टी होने लगी. परिजनों ने रविवार को उसे बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया. यहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई. इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने हालत बिगड़ता देख उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया. लखनऊ में सप्ताहभर में डेंगू से यह दूसरी मौत है.

हल्के में न लें बुखार को

स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों के लिए बार-बार एडवाइजरी जारी होती रहती है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों ही घातक हो सकते हैं.


डेंगू के प्रकार

टाइप 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप 3- डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. इससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.


डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.



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खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.

लारी में खुली लैब, मिलेगी राहत

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लारी कार्डियोलॉजी विभाग में ‘स्टेट कार्डियो लैब‘ खुल गयी है. इसका उद्घाटन कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने किया. यह लैब 24 घण्टे चलेगी. इसमें बायोकेमेस्ट्री, हेमेटोलॉजी, वायरल मार्कर की जांच की जाएंगी. हार्ट अटैक के मरीजों की समय पर जांच होने से तत्काल इलाज मिल सकेगा. इस दौरान सीएमएस डॉ एसएनशंखवार, विभागाध्यक्ष प्रो एस के द्विवेदी, प्रो यूएस सिंह आदि मौजूद रहे.

ढाई लाख मरीजों को देखा गया

लोहिया संस्थान में सोमवार को कार्डियोलॉजी विभाग का स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ भुवन चंद्र ने रिपोर्ट पेश की. उन्होंने कहा कि विभाग में ढाई लाख मरीज देखे गए. वहीं 25 हजार इंटरवेशन प्रोसीजर लागू किया गया.

Last Updated : Oct 18, 2021, 9:17 PM IST

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