लखनऊ: कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास का नाम लखीमपुर कांड से जुड़ने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शरू हो गया है. वहीं अंकित दास का नाम लखीमपुर हिंसा में जुड़ने के बाद कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.
कांग्रेस पार्टी का कहना है, कि लखनऊ निवासी युवा कारोबारी अंकित दास की इस मामले में संलिप्तता को लेकर उनके चाचा व पूर्व मंत्री डॉ. अखिलेश दास गुप्ता और कांग्रेस का नाम महज उस युवक की पहचान के लिए लिया जाना एक ओछा षड्यंत्र है. इसमें संकुचित मानसिकता के साथ डॉ. दास व कांग्रेस को बदनाम करने के षड्यंत्र रचने की बू आ रही है. युवा कारोबारी अंकित का नाम कांग्रेस के दिवंगत नेता अखिलेश दास से जोड़ना पार्टी की छवि को खराब करने का प्रयास है.
बता दें, लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में एक नया वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जार हा है, कि किसानों को रौंदते हुए निकली कारों में से एक व्यक्ति अंकित दास (Ankit Das) भी था. अंकित पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास के भतीजे हैं, लेकिन फिलहाल बीजेपी समर्थक हैं. इसी बात को लेकर बीजेपी और कॉग्रेस में जुवानी वॉर शुरू हो गया है.