लखनऊ :उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन धार्मिक स्थलों पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए जमीन का आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पर्यटन विभाग ने अयोध्या, वाराणसी एवं नैमिषारण्य में हेलीकाप्टर सेवा के लिए जमीन चिन्हित कर लिया है. इन तीनों ही जगह पर हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत का विकास एवं संचालन निजी निवेशकों के माध्यम से कराए जाने का निर्णय लिया है. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि इन तीनों ही धार्मिक स्थलों पर हेलीकॉप्टर सेवा करने के लिए सरकार पर किसी भी तरह का आर्थिक भार नहीं पड़ेगा. हेलीपोर्ट के विकास की पूरी जिम्मेदारी निजी निवेशकों के हाथ में होगी. हेलीपोर्ट को शुरूआती दौर में तीस वर्षों की अवधि के लिए लीज पर दिया जायेगा.
बनारस में 31509 वर्ग मीटर की जमीन पर शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा :पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश के तीनों प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पीपीपी मोड पर हेलीपोर्ट को विकसित करने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गयी है. उन्होंने बताया कि वाराणसी के डोमरी में पर्यटन विभाग की 31590 वर्ग मीटर जमीन, अयोध्या में चौधरी चरण सिंह घाट के पास स्थित पर्यटन विभाग की 3600 वर्ग मीटर जमीन व नैमिषारण्य धाम के लिए मिश्रिख-नीमसार सीतापुर, स्थित पर्यटन विभाग की 20 हजार वर्ग मीटर जमीन इसके लिए उपलब्ध कराई जायेगी.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगातार पर्यटन की बढ़ती गतिविधियों व बीते दो वर्षों में देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या में आई तेजी को देखते हुए प्रदेश के तीनों धार्मिक जिलों वाराणसी, अयोध्या तथा नैमिषारण्य को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए यहां पर अंतर्राष्ट्रीय लेवल की पर्यटन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसी कड़ी में वाराणसी, अयोध्या व नैमिषारण्य को हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने की भी कवायद चल रही है. प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को इन तीनों ही धार्मिक स्थलों पर भम्रण के साथ ही यहां पहुंचने के लिए आसानी हो इसके लिए हेलीकॉप्टर सेवा को विकसित करने का प्रस्ताव है. इसके अलावा इन तीनों ही जनपदों में जनसुविधाओं का विकास, अवस्थापना सुविधाओं का आधुनिकीकरण व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है.