करनालःसीएम सिटी करनाल के खाद्य एवं आपूर्ती विभाग की पेटियों में लोगों के राशन कार्ड पड़े-पड़े धूल फांक रहे हैं. पिछले साल जनवरी में बने राशन कार्ड आज भी लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं. करनाल- मेरठ रोड स्थित खाद्य आपूर्ति विभाग की पेटियों में करीब 2 लाख राशन कार्ड पड़े हुए हैं, लेकिन आला अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज भी लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं.
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की लापरवाही से लोगों नहीं मिले राशन कार्ड. ढाई लाख में से बांटे गए केवल 50 हजार राशन कार्ड
पिछले साल जनवरी में करीब ढाई लाख राशन कार्ड दिल्ली से छपकर करनाल के खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में लाए गये थे. ढाई लाख राशन कार्डों में से अधिकारियों ने करीब पचास हजार राशन कार्ड बांट दिए, लेकिन 50 हजार राशन कार्ड बांटने के बाद विभाग के अधिकारी सुस्त पड़ गए. शायद यही कारण है कि सालों से करनाल के लोग राशन कार्ड की आस लगाए बैठे हैं. आज एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन ये राशन कार्ड लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं. करीब दो लाख से ज्यादा राशन कार्डों पर जाले लग गए हैं.
सुनिए क्या कहना है आला अधिकारियों का
सरकारी कार्यालयों में पड़े इन राशन कार्डों के बारे में जब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से पूछा गया तो वो आनाकानी करते नजर आए. जिला खाद्य एवं आपूर्ती विभाग अधिकारी कुशल बूरा ने कहा कि दिल्ली से ये राशन कार्ड सेंटर वाइज बनकर नहीं आए थे. जिसके चलते इन्हें बांटने में समय लग गया. उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर ही इन राशन कार्डों को बंटवा दिया जाएगा.
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कहां जाए आम जनता?
वहीं अपने राशन कार्ड की आस में बैठे आमजनों का कहना है कि उन्हें फॉर्म भरे हुए भी काफी वक्त हो गया. यही नहीं सरकारी कार्यालयों से लेकर प्राइवेट दुकानों में भी जाकर उन्होंने फॉर्म भरे हैं, लेकिन आज तक उन्हें राशन कार्ड मुहैया नहीं करवाया गया. लोगों का कहना है कि आला अधिकारी उन्हें एक महीने की बात कहकर सालों से चक्कर कटवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी बस झूठा आश्वासन ही देते हैं. इन लोगो का कहना है कि बिना राशन कार्ड के अनाज नहीं मिलता और सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलता. ऐसे में आमजनता जाए तो जाए कहां.