लखनऊ: राजधानी के तालकटोरा इलाके में कई वर्षों पहले रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय बनवाया गया था. अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के दावे भी किए जाते हैं, लेकिन दावों की पोल खोलते हुए सच्चाई कुछ और ही नजर आती है. अस्पलाल में कई वर्षों से चिकित्सकों की कमी है. इसके चलते मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है. राजाजीपुरम, ऐशबाग, सहादत गंज, खाला बाजार, पारा, आलमनगर, काकोरी, बेहटा, ईट गांव, आलमबाग व मानक नगर समेत कई इलाकों के लोग इलाज कराने रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय पहुंचते हैं.
अस्पताल में 37 डॉक्टर
मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में 37 डॉक्टर हैं. इनकी ड्यूटी 8 घंटे की लगाई जाती है. चिकित्सालय में मौजूदा वक्त में 50 वार्ड बॉय व 22 नर्स हैं. अस्पताल में कई वर्षों से ईएनटी (नाक, कान, गला) व स्किन के डॉक्टरों की कमी है. बताया जा रहा है कि 4 साल पहले ईएनटी के डॉ. अहमद हसन व स्किन की डॉ. वर्षा थीं. इनके जाने के बाद किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई. वहीं डॉक्टर केए सिद्दीकी सीनियर कंसलटेंट पैथोलॉजी , डॉक्टर बीएन गुप्तासीनियर कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक का रिटायरमेंट दिसंबर में है. जिसके बाद इन डॉक्टरों का पद भी रिक्त हो जाएगा.