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डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल, मरीज परेशान

लखनऊ के तालकटोरा के रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में कई वर्षों से चिकित्सकों की कमी है. इसके चलते मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है. मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में 37 डॉक्टर हैं. वहीं चिकित्सालय में मौजूदा समय में 50 वार्ड बॉय व 22 नर्स हैं.

डॉक्टरों की कमी जूझ रहा रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल
डॉक्टरों की कमी जूझ रहा रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल

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Published : Nov 19, 2020, 3:56 PM IST

लखनऊ: राजधानी के तालकटोरा इलाके में कई वर्षों पहले रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय बनवाया गया था. अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के दावे भी किए जाते हैं, लेकिन दावों की पोल खोलते हुए सच्चाई कुछ और ही नजर आती है. अस्पलाल में कई वर्षों से चिकित्सकों की कमी है. इसके चलते मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है. राजाजीपुरम, ऐशबाग, सहादत गंज, खाला बाजार, पारा, आलमनगर, काकोरी, बेहटा, ईट गांव, आलमबाग व मानक नगर समेत कई इलाकों के लोग इलाज कराने रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय पहुंचते हैं.

अस्पताल में 37 डॉक्टर
मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में 37 डॉक्टर हैं. इनकी ड्यूटी 8 घंटे की लगाई जाती है. चिकित्सालय में मौजूदा वक्त में 50 वार्ड बॉय व 22 नर्स हैं. अस्पताल में कई वर्षों से ईएनटी (नाक, कान, गला) व स्किन के डॉक्टरों की कमी है. बताया जा रहा है कि 4 साल पहले ईएनटी के डॉ. अहमद हसन व स्किन की डॉ. वर्षा थीं. इनके जाने के बाद किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई. वहीं डॉक्टर केए सिद्दीकी सीनियर कंसलटेंट पैथोलॉजी , डॉक्टर बीएन गुप्तासीनियर कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक का रिटायरमेंट दिसंबर में है. जिसके बाद इन डॉक्टरों का पद भी रिक्त हो जाएगा.

इलाज के लिए पड़ता है भटकना
वहीं राजाजीपुरम में रहने वाले अमित शुक्ला का कहना है कि ईएनटी व स्किन के डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को भटकना पड़ता है. अस्पताल में काफी समय से डॉक्टरों की कमी है, जबकि इस समय पर ईएनटी के डॉक्टरों की आसपास के लोगों को बहुत जरूरत होती है.

कई वर्षों से खाली हैं पद
रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एके आर्या का कहना है कि करीब 4 वर्षों से ईएनटी व स्किन के डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है. दिसंबर माह में दो डॉक्टर और रिटायर हो जाएंगे.

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