लखनऊः किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड बैंक में कार्यरत एक लैब टेक्नीशियन पर पांच साल तक हाउस रेंट लेने का आरोप लगा है. अब इस मामले की शिकायत चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री सुरेश खन्ना से की गई है. शिकायतकर्ता के मुताबिक मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं.
2014 में आवंटित हुआ था टाइप टू आवास
केजीएमयू में कार्यरत लाइव टेक्नीशियन अमरनाथ वर्मा को 12 अगस्त 2014 को शासनादेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सचिवालय के राज्य संपत्ति विभाग द्वारा टाइप टू आवास आवंटित किया गया था. 2014 मई 28 अगस्त को उन्होंने इस आवास पर कब्जा प्राप्त किया. इसमें वे 23 अप्रैल 2019 तक रहे.
केजीएमयू को 5 लाख का चूना लगाने का आरोप
शिकायतकर्ता का आरोप है कि अमरनाथ वर्मा ने सरकारी आवास में रहने का तथ्य छिपाकर केजीएमयू को 5 लाख से अधिक का चूना लगाया. वे सरकारी आवास में रहने के दौरान विश्वविद्यालय से एचआरए लेते रहे. शिकायतकर्ता ने उनके वेतन की स्लिप और आवंटन पत्र भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भेजा है.
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सेवा समाप्त करने का है प्रावधान
शिकायतकर्ता का कहना है कि कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 में किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा तथ्य छुपाने या वित्तीय घोटाला करने पर सेवा समाप्त किए जाने तक का प्रावधान है. शिकायतकर्ता ने संबंधित कर्मचारी के वेतन से सरकारी धन ब्याज सहित वसूल कर सरकारी खजाने में जमा कराने के साथ-साथ कठोर कार्रवाई का भी अनुरोध किया है.