लखनऊ :राजधानी लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में सेंट्रल जू अथॉरिटी की टेक्निकल कमेटी द्वारा मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैद्धांतिक सहमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपना आभार भी जताया है. इससे उत्साहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कुकरैल में नाइट सफारी एवं प्राणी उद्यान परियोजना स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. हमारी सरकार वन्यजीव संरक्षण और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. राजधानी के कुकरैल क्षेत्र में लगभग 500 एकड़ भूमि पर बनाई जाने वाली इस परियोजना के सामने कम चुनौतियां नहीं हैं. राजधानी से सटे होने के कारण इस वन क्षेत्र की तमाम जमीनों पर अवैध निर्माण हो चुके हैं. वृक्षों का कटान भी रोकना जरूरी हो गया है. यदि सरकार इसमें सफल हुई तो यह देश की पहली नाइट सफारी होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंशा जाहिर की थी कि यह कुकरैल नाइट सफारी किस तरह से विकसित की जाए कि यहां वन्य जीवों का संरक्षण हो, साथ ही पर्यावरण को भी बढ़ावा मिले. यही नहीं पर्यावरण पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रयोग देखने को मिले. गौरतलब है कुकरैल का कुल प्राकृतिक वन क्षेत्र 2027 हेक्टेयर का है, इसमें से 500 एकड़ को चिड़ियाघर तथा नाइट सफारी में विकसित किया जाना है. यहां विश्व स्तर की इको पर्यटन की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. कम ही लोग जानते हैं कि आज की तारीख में नाले में तब्दील हो चुकी कुकरैल नदी इसी कुकरैल वन क्षेत्र से निकलती है. गौरतलब है कि कुकरैल वन क्षेत्र में पहले से ही एक घड़ियाल प्रजनन केंद्र, वन विश्रामगृह और बच्चों का पार्क मौजूद है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जा रहे नाइट सफारी की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए कुकरैल ओवरब्रिज समेत इंदिरा नगर ब्रिज, मल्हौर, ऐशबाग, निराला नगर, बीकेटी, चिनहट, रहीमाबाद, गोमती नगर, जानकीपुरम आशियाना आदि क्षेत्रों में ओवरब्रिज और अच्छी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा.