लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर पवित्र कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग की है. वसीम रिजवी का कहना है कि यह आयते आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं. सैय्यद वसीम रिजवी की इस याचिका और उस पर दिए गए बयानों के बाद से देश भर में हंगामा मचा है. वसीम रिजवी इससे पहले भी कई विवादित फिल्म बना चुके हैं और लगातार विवादित बयान देते रहे हैं लेकिन कुरान पर दिए गए बयान और याचिका के बाद से देश के मुसलमानों के प्रति उनके खिलाफ अब आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
वक्फ बोर्ड की कुर्सी पर लंबे समय तक रहे थे काबिज
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी लम्बे समय से सरकारों के करीब रहकर वक्फ बोर्ड की सर्वोच्च कुर्सी पर काबिज रहे हैं. रिजवी कभी समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर सबसे ज्यादा वोट पाने वाले पार्षद हुआ करते थे लेकिन फिर उन्होंने सियासत छोड़ वक्फ बोर्ड का रूख किया. वसीम रिजवी बसपा सरकार, सपा सरकार में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं. इस दौरान उन पर वक्फ की सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द करने और बोर्ड में भ्रष्टाचार करने के कई गम्भीर आरोप लगे हैं. प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से वसीम रिजवी संघ के बेहद करीब हुए और लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहे. शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई बार मिलकर वसीम रिजवी पर कार्रवाई की मांग की. हाल ही में वसीम रिजवी से जुड़े दो मामलों पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच शुरू करवा दी है.
परिवार ने तोड़ा वसीम रिजवी से नाता
सैय्यद वसीम रिजवी का पुराने लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ले में पुश्तैनी मकान है. वसीम रिजवी कश्मीरी मोहल्ले वार्ड से लगातार कई बार पार्षद भी बने हैं. यही नहीं रिजवी को लखनऊ शहर में सबसे ज्यादा वोट मिलने वाले पार्षद का भी दर्जा प्राप्त हो चुका है लेकिन अब वसीम रिजवी के मोहल्ले वाले ही नहीं बल्कि उनके अपने परिवार ने भी उनसे रिश्ता तोड़ दिया है. वसीम रिजवी के सगे भाई ने कहा कि वसीम से उनकी मां, बहन और मेरा अब कोई रिश्ता नहीं है और वह अब कश्मीरी मोहल्ले में रहते भी नहीं हैं. वसीम रिजवी कई साल पहले से शिया यतीम खाने में ही रहते हैं. उनके भाई ने कहा कि वसीम रिजवी पिछले कुछ वर्षों से लगातार विवादित बयान दे रहे थे, जिसके चलते पिछले तीन साल से उन्होंने उनसे दूरी बना ली थी.