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शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व? सेहत और धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

13 अक्टूबर रविवार को शरद पूर्णिमा है. इस दिन चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में 16 कलाओं से युक्त होता है. चंद्रमा की ऐसी स्थिति वर्ष में एक बार ही बनती है. शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है इस दिन है चंद्रमा धरती पर अमृत की वर्षा करता है.

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Published : Oct 13, 2019, 5:28 PM IST

Updated : Oct 13, 2019, 8:29 PM IST

पंडित उमाशंकर मिश्र

लखनऊ: शरद ऋतु की पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है. शरद पूर्णिमा आज है और चन्द्रमा इस दिन संपूर्ण सोलह कलाओं से युक्त होता है. इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों प्रदान करती है. वहीं शास्त्रों में वर्णन है कि जो मनुष्य आज के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके जीवन में धन की कभी कमी नहीं रहती है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र से खासबात की और आज के दिन का महत्व जाना.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र.

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ज्योतिषाचार्य पंडित उमाशंकर मिश्र ने दी जानकारी
पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि आज के दिन का विशेष महत्व है, उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज की रात मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं.

देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस साल महायोग बनने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा मिलेगी. वहीं पूजा करने से लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

रात्रि में चंद्र दर्शन से होगा लाभ
पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि आज की रात जो भी मनुष्य चंद्रमा के दर्शन करता है, तो उसे विशेष लाभ मिलता है. उसके सारे रोग दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही जो जातक अवसाद में हैं, उनको भी इसका लाभ मिलता है.

रात्रि में चंद्रमा के नीचे रखें खीर
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन चंद्रमा से अमृत बरसता है. इसी वजह से लोग रात को खुली छत के नीचे खीर रखते हैं और अगले दिन सुबह-सुबह उसको प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं.

मनुष्य को श्रीसूक्तम और कनकधारा स्त्रोत का करना चाहिए पाठ
पंडित उमाशंकर मिश्र के अनुसार आज की रात चंद्रमा के नीचे मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से उनकी कृपा मिलती है. मनुष्य को श्रीसूक्तम और कनकधारा स्तोत्र का भी पाठ करना चाहिए. साथ ही इस मंत्र का भी करें जाप. "ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः"

Last Updated : Oct 13, 2019, 8:29 PM IST

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