लखनऊ : रमजान के महीने की इस्लाम धर्म में बड़ी फजीलत है. बड़े पैमाने पर मुसलमान इस महीने में रोजा रखकर बारगाह-ए-इलाही में इबादत करते हैं, लेकिन रोजे सिर्फ भूखे और प्यासे रहने का नाम नहीं है. इन रोजों में छुपे हैं इस्लाम के कई बेहतरीन पैगाम. तो इन पैगामों के बारे में आप भी जानिए इस खास रिपोर्ट में-
- रहमतों और बरकतों का मुबारक महीना रमजान जारी है.
- इसमें बड़े पैमाने पर रोजेदार रोजा रखकर बारगाह-ए-इलाही में इबादत में व्यस्त रहते हैं.
- रमजान के महीने की इस्लाम में बड़ी ही फजीलत और अजमत है.
- इस महीने में एक नेकी का सवाब 70 गुना तक हासिल होता है.
- रमजान ही वह महीना है, जिसमें इंसान गुनाहों से दूर रहकर नेकी की राह पर चलता है.
क्या कहना है काजी-ए-शहर का
काजी-ए-शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फरंगी महली बताते हैं कि रमजान के दौरान रोजेदार भूखा-प्यासा रहकर अल्लाह की इबादत करता है. साथ ही रमजान में इस्लाम में बताए गए तमाम नेक कामों का बेहतरीन पैगाम भी छुपा है. इसकी सभी को समझने की बेहद जरूरत है.