लखनऊ: कोविड-19 के संक्रमण के बाद से ही लोगों को मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है और कुछ नियम भी बना दिए गए हैं. सोशल मीडिया और कुछ अन्य जगहों पर इसे लेकर कुछ भ्रांतियां भी फैल रही हैं, जो लोगों को मास्क लगाने को लेकर कई दुविधाएं पैदा कर रही हैं. इस पर ईटीवी भारत ने कुछ विशेषज्ञों से बात की और जानने की कोशिश की कि इन भ्रांतियों में कितनी सच्चाई है और मास्क लगाने के सही तरीके क्या हो सकते हैं.
विशेषज्ञों से जानिए मास्क लगाने का सही तरीका. मास्क न होने पर गमछा या दुपट्टा इस्तेमाल करें
मास्क लगाने के बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. सूर्यकांत कहते हैं कि वायु प्रदूषण की वजह से वह पिछले कई वर्षों से लोगों को मास्क का उपयोग करने की सलाह देते आ रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने मास्क न होने पर गमछा या दुपट्टा इस्तेमाल करने की भी सलाह दी है, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण से बच सकते हैं और कई अन्य तरह के वायरस भी श्वास में नहीं आ पाते हैं.
क्लॉथ मास्क का करें इस्तेमाल
केजीएमयू के रेस्पिरेट्री विभाग के सह-आचार्य डॉ. दर्शन बजाज कहते हैं कि मास्क दो प्रकार के होते हैं- क्लॉथ मास्क और सर्जिकल मास्क. सरकार की तरफ से लोगों को क्लॉथ मास्क को पहनने की सलाह दी जा रही है. सर्जिकल मास्क के भी दो प्रकार होते हैं एक ट्रिपल लेयर मास्क होता है, तो वहीं दूसरा रेस्पिरेटर मास्क होता है, जिसे आम भाषा में n95 मास्क कहा जाता है. आम लोग मास्क के इन प्रकारों और उसके अंतर के बारे में ज्यादा नहीं पता होता. इस वजह से ज्यादातर लोग सर्जिकल मास्क या n95 मस्क खरीदते हैं और पहनते हैं. ऐसे में हम लोगों से अपील करना चाहेंगे कि रेस्पिरेटर मास्क या सर्जिकल मास्क के बजाय क्लॉथ मास्क का इस्तेमाल करें क्योंकि वह आपके लिए बेहतर है.
मास्क लगाने पर हो सकती हैं कुछ परेशानियां
डॉ. सूर्यकांत कहते हैं कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें क्लस्ट्रोफोबिया की परेशानी होती है. ऐसे लोगों को घुटन होती है. ज्यादातर ऐसे लोग बंद कमरों में नहीं रह पाते हैं, उन्हें मास्क लगाने के दौरान भी सांस लेने में कुछ तकलीफ हो सकती है. दूसरे कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें माइग्रेन की परेशानी होती है, खासतौर पर वह जिन्हें कम समय अवधि पर बार-बार सिर दर्द होता है. उन्हें भी मास्क लगाने पर कुछ परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. इसके अलावा कुछ लोगों को एलर्जी होती है या जो पहले ही सांस के रोगी हैं, उन्हें भी मास्क लगाने में कुछ प्रॉब्लम हो सकती है.
ये है मास्क पहनने का सही तरीका
मास्क लगाने के सही उपायों के बारे में डॉ. सूर्यकांत कहते हैं कि सही तरीकों में मास्क को कभी भी आगे से न छुएं. हमेशा मास्क को उसकी डोरी से ही छुएं. उसी से पहने और उसी से उतारें. सर्जिकल मास्क न पहनें, क्योंकि वह सिर्फ 5 से 6 घंटे की अवधि तक के लिए ही सही होता है और यह मास्क ज्यादातर प्रोफेशनल्स के इस्तेमाल के लिए होता है. सामान्य लोग खादी या कॉटन के मास्क पहन सकते हैं और उसे रोजाना धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं.
मास्क पहनने सेकम होती हैसंक्रमण की आशंका
डॉ. दर्शन कहते हैं कि कुछ स्टडीज में भी यह बात सामने आई है कि अगर दो लोगों ने मास्क पहना हुआ है, तो उनमें ट्रांसमिशन की आशंका मात्र 1.5 प्रतिशत ही रह जाती है और यदि उनमें से किसी एक ने ही मास्क पहना हो तो वह आशंका 5 प्रतिशततक अधिक हो जाती है. यह स्टडी नॉर्मल मास्क के बारे में की गई है. इनकी लोगों से यही अपील है कि सर्जिकल मास्क और n95 मस्क हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए ही छोड़ दें, क्योंकि हमें नहीं पता कि कोविड-19 का संक्रमण आगे कितना विकराल रूप रूप लेने वाला है. ऐसे में हेल्थ केयर वर्कर्स को इनकी आवश्यकता अधिक पड़ सकती है.
मास्क को लेकर कुछ भ्रांतियां
डॉ. दर्शन बताते हैं कि कुछ भ्रांतियां सुनने को मिल रही हैं कि ज्यादा देर तक मास्क लगाए रहने से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है या ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, लेकिन यह दावा पूरी तरह से सही नहीं है. ज्यादातर यह परेशानी n95 मास्क या सर्जिकल मास्क को अधिक देर तक लगाए रहने की वजह से होता है. इसी वजह से नॉर्मल लोगों को ऐसे मास्क का उपयोग करने से मना किया जाता है. इसके अलावा यदि आप कार में अकेले कहीं जा रहे हो तो भी मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं रह जाती, क्योंकि आपके आसपास संक्रमण का खतरा नहीं होता है. इस बात पर जरूर गौर करना चाहिए कि यदि आप किसी ऐसी कार में बैठे हैं, जिसमें आप ड्राइवर से अनजान हैं तो जरूर दोनों को मास्क लगाए रखना चाहिए और साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग समेत ऐसे नियमों का पालन करना चाहिए.