लखनऊ: देशभर के मेडिकल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए नीट (NATIONAL ELIGIBILITY CUM ENTRANCE TEST) के परिणाम गुरुवार को जारी कर दिए गए. इसमें सफल हुए अभ्यर्थी अब काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, काउंसलिंग का कार्यक्रम मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की तरफ से जारी किया जाएगा.
काउंसलिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे छात्रों को कॉलेज चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए व कौन से कॉलेज बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं? इस मामले पर एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने ईटीवी भारत को विशेष जानकारी दी.
1. इस रैंक तक के परीक्षार्थियों को मिलेगा सरकारी कॉलेज
नीट 2021 की परीक्षा बीते 12 सितंबर को आयोजित की गई थी. परीक्षा के लिए करीब 16 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और 15 लाख के आसपास परीक्षार्थी इसमें शामिल हुए थे. एसकेडी न्यू स्टैंडर्ड कोचिंग के निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि नीट परीक्षा की कटऑफ इस बार 604 तक गई है. पिछले साल भी यह कटऑफ 604 के ही आसपास ही थी. इस बार एम्स समेत देश के दूसरे संस्थानों में सीटें बढ़ी हैं. इसलिए यह उम्मीद जताई जा सकती है कि करीब 17000 रैंक तक के छात्रों को सरकारी कॉलेज मिल सकते हैं.
2. काउंसलिंग में अपनाएं यह रणनीति
यह काउंसलिंग राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है. इसी के माध्यम से राज्य स्तर पर भी दाखिले लिए जाते हैं. विशेषज्ञ मनीष सिंह बताते हैं कि छात्र को अगर सेंट्रल में अच्छी रैंक नहीं मिली है तो वह स्टेट की काउंसलिंग में भी जरूर भाग लें, स्टेट में भी कई अच्छे कॉलेज हैं. उन्होंने बताया कि लखनऊ में आरएमएल बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. उनका सुझाव है कि 7000, 8000 व 9000 रैंक पाने वाले छात्रों को राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग में शामिल होना चाहिए. इससे उन्हें राज्य का अच्छा कॉलेज मिल सकेगा.