लखनऊ:उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कार्यकाल में तमाम योजनाओं को लागू किया गया और पुराने तौर-तरीकों को नए तौर-तरीकों से संचालित किया गया. इससे जहां एक तरफ लोगों को सुविधा मिलती है तो वहीं कम समय में उन तक उस योजना का लाभ पहुंच रहा है. ऐसी ही एक योजना पूरे प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए संचालित है. यह योजना सन 1995 से लागू हुई, लेकिन धरातल पर इसका स्वरूप पूरी तरीके से देखने को नहीं मिल पाया. इस योजना का नाम है- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना.
संयुक्त निदेशक ने दी जानकारी
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में गरीब परिवार के कमाऊ सदस्य की किसी कारणवश अचानक मौत हो जाए तो परिवार को 20 हजार रुपये केंद्र सरकार और 10 हजार रुपये राज्य सरकार की तरफ से मदद स्वरूप दी जाती है. इसके लिए पहले ऑफलाइन माध्यम से आवेदन किए जाते थे, लेकिन अब इसमें ऑनलाइन प्रणाली से आवेदन किए जा रहे हैं. इस योजना के बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत में समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार पांडेय ने पूरी जानकारी दी.
सवाल: राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत किस तरीके से लोगों को लाभ मिलेगा?
जवाब: राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के अंतर्गत पहले ऑफलाइन स्कीम थी, लेकिन अब जनवरी 2016 से इसको ऑनलाइन कर दिया गया है. नजदीकी लोकवाणी केंद्र या अपने किसी अन्य माध्यम से आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ऐसे परिवार, जिनकी शहरी क्षेत्र में 56,460 रुपये की वार्षिक आय व ग्रामीण क्षेत्रों में 46,080 रुपये की वार्षिक आय हो, वह इस योजना के पात्र होंगे. वहीं आयु सीमा 18 से 59 साल के बीच होनी चाहिए. ऐसे लाभार्थियों को उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए 30 हजार रुपये की मदद मिलेगी.
सवाल: इस राष्ट्रीय पारिवारिक योजना का क्या उद्देश्य है?
जवाब: राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का मुख्य उद्देश्य है कि जिस परिवार में कमाऊ सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को तत्काल 30 दिन के अंदर 30 हजार रुपये देने का प्रावधान है. अगर लाभार्थी पात्र है और वह आवेदन ऑनलाइन करता है तो ऑनलाइन तिथि के 30 दिन के अंदर उसे 30 हजार रुपये की मदद मिलेगी, लेकिन हमारी कोशिश रहती है कि 45 दिन के अंदर उसे राष्ट्रीय पारिवारिक योजना की राशि प्राप्त हो सके.