लखनऊ : IPS अमिताभ ठाकुर, राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को सरकारी सेवा से जबरन रिटायर कर दिया गया. अमिताभ ठाकुर आईजी, रुल्स और मैनुअल, राजेश कृष्ण, सेनानायक, 10वीं बटालियन बाराबंकी और राकेश शंकर डीआईजी स्थापना में पदस्थापित थे. इन तीनों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया और इन्हें 'जबरन रिटायर' कर दिया गया.
अमिताभ ठाकुर मूलत: बिहार के रहने वाले हैं. अमिताभ ठाकुर का नाम कोई पहली बार सुर्खियों में नहीं आया है. इनका विवादों के साथ पुराना नाता रहा है और ये अक्सर चर्चा में रहते हैं. इस बार 'जबरन रिटायरमेंट' को लेकर एक बार फिर इनका नाम सुर्खियों में है. अमिताभ ठाकुर समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से भी पंगा ले चुके हैं. तब भी उनका नाम सुर्खियों में आया था और लोग दिलचस्पी के साथ इस खबर को पढ़ते थे.
जब मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दर्ज करवाया था केस
अमिताभ ठाकुर ने साल 2015 में आरोप लगाया कि मुलायम सिंह यादव ने फोन कर उन्हें धमकी देते हुए सुधर जाने की चेतावनी दी. अमिताभ ठाकुर ने फोन कॉल्स को रिकॉर्ड कर लिया था और फिर बाद में उस कॉल रिकॉर्डिंग को वायरल कर दिया था. इतना ही नहीं, अमिताभ ठाकुर ने इस संबंध में राजधानी के हजरतगंज कोतवावी में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस तक दर्ज करवा दिया. मामला काफी तूल पकड़ा था. हालांकि बाद में इस मामले में मुलायम सिंह यादव ने सफाई भी दी कि कॉल रिकॉर्डिंग में आवाज उन्हीं की थी और उन्होंने ही फोन कॉल किया था. लेकिन मुलायम सिंह यादव का कहना था कि उन्होंने धमकाने के लिए नहीं बल्कि समझाने के लिए कॉल किया था.
जब थाने के सामने बैठ गए अनिश्चितकालीन धरने पर
इससे जुड़ा एक दिलचस्प मामला यह भी है कि अमिताभ ठाकुर मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए धरने पर भी बैठे थे. मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करने से नाराज अमिताभ ठाकुर हजरतगंज थाने पहुंचकर शिकायत पर जानकारी लेनी चाही. जानकारी नहीं मिलने पर अमिताभ ठाकुर हजरतगंज थाने के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. तब की खबरों के मुताबिक अमिताभ ठाकुर ने थाने जाकर पूछा था कि मेरी एफआईआर दर्ज हुई है या नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मैं वादी हूं तो यह जानकारी लेना मेरा अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है तो किसी के भी खिलाफ हो सकती है. अगर नहीं हो सकती है तो बता दीजिए कि फलां आदमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती.
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