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डायरिया के खिलाफ दस्तक अभियान शुरू, हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर बच्चों को देंगे दवा - corona virus latest news

यूपी में मंगलवार कोरोना वायरस नए मरीज पाए गए हैं. वहीं, बच्चों में डायरिया का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में राज्य में दस्तक अभियान शुरू किया है.

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दस्तक अभियान

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Published : May 31, 2022, 9:56 PM IST

लखनऊ: यूपी में मंगलवार कोरोना वायरस नए मरीज पाए गए हैं. वहीं, बच्चों में डायरिया का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में राज्य में दस्तक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के दौरान घर-घर हेल्थ वर्कर जाकर बच्चों को दवा और ओआरएस का पैकेट देंगे. लखनऊ के डफरिन अस्पताल से अपर मुख्य सचिव ने अभियान को हरी झंडी दिखाई है.

मंगलवार को 24 घंटे में 94 हजार से अधिक टेस्ट किए गए. इसमें 116 केस मिले. सर्वाधिक केस नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ में रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं, 142 मरीज स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 11 करोड़ 43 लाख से अधिक, टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 53.2 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक हैं. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश हैं. दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसदी से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. अब तीसरी लहर में 90 फीसदी ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसदी, 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसदी थी, जो अप्रैल शुरू में घटकर 0.1 फीसदी पर आ गई. अब संक्रमण दर 2 फीसदी हो गई है। वहीं रिकवरी रेट 98.8 फीसदी है.

अब तक 359 ओमिक्रोन के मरीज

17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आए थे. वहीं, 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमिक्रोन के मरीज पाए गए हैं.

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एक्टिव केस अब 872

राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 366 एक्टिव केस थे. वहीं अब 872 एक्टिव केस हो गए हैं. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं, 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6,700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए. इसके अलावा कुल 32 करोड़ 23 लाख से अधिक को डोज लग गयी है.

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