लखनऊ: केजीएमयू में जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होगा. इसके लिए शासन ने संस्थान को लाइसेंस प्रदान कर दिया है. यह सुविधा प्रदान करने वाला केजीएमयू तीसरा सरकारी सेंटर है. इस सुविधा के बाद अब गुर्दा रोगियों को प्रत्यारोपण के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने केजीएमयू को गुर्दा प्रत्यारोपण का लाइसेंस प्रदान किया है. अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल से गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू होने की संभावना है. केजीएमयू में 3-5 लाख रुपये में ट्रांसप्लांट होगा.
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गौरतलब है अभी तक पीजीआई और लोहिया संस्थान लखनऊ में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा है. इन संस्थानों में प्रदेश भर से मरीज प्रत्यारोपण के लिए आ रहे हैं. ऐसे में मरीजों की वेटिंग है. ऐसे में मरीजों को 4 से 8 माह बाद गुर्दा प्रत्यारोपण हो पा रहा है. ऐसे में मरीज प्राइवेट संस्थानों में महंगी दर पर गुर्दा प्रत्यारोपण कराने को मजबूर है. वहीं, केजीएमयू में 8 साल से बंद ट्रांसप्लांट भी शुरू होगा.
इसके साथ ही यूपी में प्लेटलेट्स दान के लिए अभियान चलेगा. इसके लिए प्लेटलेट्स दान करने की इच्छा रखने वालों का पंजीकरण होगा. इसकी शुरुआत डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से होगा. संस्थान की निदेशिका डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि प्लेटलेट्स दान को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है. कैंसर, डेंगू व रक्तस्राव की बीमारी से पीड़ितों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. इसमें देरी से मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है. इसलिए संस्थान की तरफ से प्लेटलेट्स जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा. प्लेटलेट्स 5 दिनों तक सुरक्षित रहता है. उसके बाद वह मरीज को चढ़ाने लायक नहीं होता है. इसलिए प्लेटलेट्स डोनर का पंजीकरण किया जाएगा, ताकि मरीज की जरूरत के अनुसार डोनर से प्लेटलेट्स दान कराया जा सके.
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