लखनऊ: राजधानी लखनऊ के बड़े चिकित्सा संस्थान SGPGI (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) में सितंबर माह से लिवर ट्रांसप्लांट शुरू किए जाने की तैयारी है. ट्रांसप्लांट शुरू किए जाने के बाद लाइव डोनर के अलावा कैडेवरिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा. इसके लिए PGI और KGMU (किंग जॉर्ज चिकित्सा महाविद्यालय) में करार किया जाएगा. गौरतलब है कि अभी तब PGI में किडनी ट्रांसप्लांट ही हो रहा है.
SGPGI के निदेशक डॉ. आरके धीमान के मुताबिक, कोरोना संक्रमण कम हो गया है. ऐसे में संस्थान में सितंबर से लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने का प्लान है. इसके लिए डॉक्टरों ने 22 जुलाई से ओपीडी शुरू कर दी है. सोमवार से शुक्रवार तक लिवर फेल्योर के मरीजों को देखा जा रहा है. यहां मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है. ट्रांसप्लांट के लिए मरीज और डोनर की काउंसिलिंग की जा रही है. 5 मरीजों ने ट्रांसप्लांट पर सहमति जताई. इनकी जांचें व ऑर्गन डोनर संबंधी प्रक्रिया चल रही है. वहीं लाइव डोनर के साथ-साथ कैडेवरिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए KGMU से करार किया जाएगा. यहां से ब्रेन डेड मरीजों के अंग मिल सकेंगे. इस करार के बाद अधिक से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए जा सकेंगे.
क्या होता है कैडेवरिक ट्रांसप्लांट
लाइव डोनर में मरीज के परिजन अंगदान करते हैं. यह स्वस्थ्य व्यक्ति होते हैं. इनका ऑर्गन निकालकर मरीज में प्रत्यारोपित किया जाता है. वहीं कैडेवरिक ट्रांसप्लांट में दुर्घटना में घायल व अन्य कारण से व्यक्ति का ब्रेन डेड हो जाता है. एक्सपर्ट कमेटी तमाम जांचों के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित करती है. इसके बाद परिजन की मंजूरी लेकर ब्रेन डेड मरीज के अंग निकाले जाते हैं. इसके बाद यह अंग किडनी, लिवर फेल्योर मरीज में प्रत्यारोपित किया जाता है तो इसे कैडेवरिक ट्रांसप्लांट कहते हैं.