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Published : Aug 16, 2020, 7:40 AM IST

Updated : Aug 17, 2020, 12:19 PM IST

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KGMU में खुला UP का पहला प्लाज्मा बैंक, कोरोना मरीजों के लिए बनेगा वरदान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पहला प्लाजमा बैंक खोला गया है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में मददगार साबित होगा.

पहले प्लाजमा बैंक के शुभारंभ के मौके पर राज्यपाल
प्लाजमा बैंक के शुभारंभ के मौके पर राज्यपाल.

लखनऊ:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में शनिवार को प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया. यह उत्तर प्रदेश का पहला प्लाज्मा बैंक है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज में सहायता कर सकता है.

जानकारी देतीं डॉ. तूलिका.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि केजीएमयू में खुला यह प्लाज्मा बैंक उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा प्लाज्मा बैंक है, जिससे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में सहायता मिल सकेगी. यह अपने आप में एक सकारात्मक पहलू है. कोविड-19 वैश्विक महामारी पूरी दुनिया में फैली है और लोगों की जान ले रही है. ऐसे में प्लाज्मा बैंक के रूप में एक आशा की किरण उभरी है. हम कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सहायता कर पाएंगे और उन्हें जीवनदान दे सकते हैं.

प्लाज्मा डोनेट करने की अपील

डॉ. तूलिका ने बताया कि इससे पहले कई कोविड-19 से संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं और उन्होंने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है, जो कोविड-19 से संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज में सहायक साबित हुआ है और मरीज स्वस्थ भी हुए हैं. ऐसे में हम सभी से अपील करना चाहते हैं कि जो भी मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं वह प्लाज्मा बैंक आएं और प्लाज्मा डोनेट करें, ताकि अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में हम सहायक सिद्ध हो सकें. शुरुआती दौर में जहां सिर्फ एक मरीज को प्लाज्मा की आवश्यकता पड़ती थी, वहीं अब हर रोज 3 से 4 मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी की मांग सामने आ रही है.

शुरुआती दौर में केजीएमयू में लगभग 830 यूनिट प्लाज्मा की क्षमता वाला बनाया गया है. जरूरत पड़ने पर आने वाले दिनों में इस क्षमता को और अधिक बढ़ाया भी जा सकता है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने बताया कि इस बैंक में अभी 830 यूनिट प्लाज्मा रखा जा सकता है. यह दिल्ली और महाराष्ट्र के प्लाज्मा बैंक से अधिक क्षमता का है, प्लाजमा सिर्फ 400 से 500 मिलीलीटर लिया जाता है.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में डॉक्टरों और हेल्थ केयर वर्कर्स के अथक प्रयास की वजह से ही कोरोना से मृत्यु दर काफी कम है. उन्होंने अपील की कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोग अधिक से अधिक प्लाज्मा दान करें. यह देश की सेवा और मानव सेवा का महत्वपूर्ण अवसर है. अगर किसी संक्रमित व्यक्ति की जान बचेगी तो उसके साथ ही उसका पूरा परिवार दुआ देगा.

राज्यपाल ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी से पहले भारत पीपीई किट का आयात बाहर से करवाता था, लेकिन आज बड़ी संख्या में पीपीई किट का उत्पादन देश में किया जा रहा है. यह आत्मनिर्भरता का बेहतरीन उदाहरण है. इसके अलावा उन्होंने मेक इन इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड नारे पर भी बात की.

इस कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी ने बताया कि विश्वविद्यालय में खुला पहला प्लाज्मा बैंक के केजीएमयू के लिए गर्व और गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में कोरोना वायरस के लिए विभिन्न दवाइयों का प्रयोग किया जा रहा है. लेकिन कोई भी यह सटीक दावा नहीं कर पाया है कि यह दवाइयां संक्रमित मरीजों पर कितनी असरदार है. वहीं प्लाजमा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीज की स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है और इसी वजह से प्लाज्मा बैंक की भी अहमियत बढ़ी है.

Last Updated : Aug 17, 2020, 12:19 PM IST

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