लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ट्रॉमा सेंटर गेट पर स्वास्थ्य कर्मी व निजी अस्पताल संचालक के बीच हुई मारपीट मामले की जांच शुरू हो गई है. आरोपी निजी अस्पताल संचालक की पहचान होने पर स्वास्थ्यकर्मी ने उसके विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस को तहरीर दी है. पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
वहीं, इस मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर केजीएमयू के अधीक्षक के नेतृत्व के जांच कर रही तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को वीडियो का अवलोकन किया है. टीम का कहना है कि संस्थान का सिलेंडर भी मरीज लेकर जा रहे थे. जिसे लेने के लिए स्वास्थ्यकर्मी बाहर गया था और उसे सिलेंडर लेने जाने से रोका था. इसी बात पर निजी अस्पताल संचालक से उसकी हाथापाई हुई थी.
बता दें पारा निवासी महिला मरीज को शनिवार रात स्वास्थ्य में लाभ न होने पर परिजन निजी अस्पताल ले जा रहे थे. ट्रॉमा गेट पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी रिजवान ऑक्सीजन सिलेंडर लेने गया था. इस दौरान अस्पताल संचालक व रिजवान के बीच कहासुनी के बाद हाथापाई हुई थी. वहीं स्वास्यकर्मी ने निजी अस्पताल संचालक मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के लिए तहरीर दी है. ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक, मामले की जांच चल रही है. जांच पूरी होने तक स्वास्थ्यकर्मी की सेवाएं निलंबित रहेंगी.
सूत्रों का दावा है कि मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर उन्हें निजी अस्पताल भेजा जाता है. हर दिन करीब 15 से 20 मरीज ट्रॉमा से निजी अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं. ट्रॉमा बाहर गेट पर ही देर रात निजी अस्पताल के दलालों का जमावड़ा शुरू होता है. कई दफा दलाल दबोचे गए मगर प्रशासन ने उनके खिलाफ तहरीर नहीं दी. नतीजा पुलिस भी शांति भंग में चालान करके उन्हें छोड़ देती है. हालांकि ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी का कहना है कि शिफ्टिंग का मामला बेहद गंभीर है. इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो भी स्टॉफ इसमें शामिल होगा उसे बाहर किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : राजधानी के रिवर फ्रंट में लगेगा मिलेट्स मेला, मिलेंगी लजीज़ डिश