उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

केजीएमयू के डॉक्टरों को तनाव व अवसाद से बचाने के लिए होगी काउंसलिंग, जानिए वजह - कर्मचारियों को तनाव

राजधानी के केजीएमयू में डॉक्टर, मेडिकल छात्र और कर्मचारियों की जांच कर काउंसलिंग की जाएगी. इससे चिकित्सकों व कर्मचारियों को तनाव से बचाया जा सकेगा.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : May 6, 2023, 6:48 PM IST

लखनऊ : राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में डॉक्टर, मेडिकल छात्र और कर्मचारियों की मानसिक स्थिति की जांचकर काउंसलिंग जल्द ही की जाएगी. केजीएमयू प्रवक्ता डाॅ सुधीर सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया कि इसके पीछे कारण है कि डाॅक्टर व कर्मचारी किसी तनाव या अवसाद से ग्रसित न हों. वह जितना तनाव और अवसाद से दूर रहेंगे उतना ही मरीजों का अच्छा इलाज कर पाएंगे. इसके अलावा इस काउंसलिंग के शुरू होने से समय पर डॉक्टर, कर्मचारियों को तनाव और अवसाद से बचाया जा सकेगा और समय से समुचित इलाज हो सकेगा.

केजीएमयू प्रवक्ता डाॅ सुधीर सिंह ने बताया कि 'इसके अलावा जब संबंधित विभाग को इस बात की सूचना रहेगी तो उस पर से काम का दबाव भी कम किया जाएगा. जिससे डॉक्टर्स व कर्मचारियों का तनाव कम होगा. इस मामले में केजीएमयू प्रशासन ने मानसिक स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष को पत्र लिख दिया है. सभी की साइकेट्रिक काउंसलिंग कराई जाएगी. वर्तमान में केजीएमयू में लगभग 500 डॉक्टर और 2200 नियमित टेक्नीशियन, कर्मचारी हैं. इसके अलावा नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ और 800 से अधिक जूनियर-सीनियर रेजिडेंट हैं.

केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक, प्रदेश भर से मरीज आ रहे हैं. इसके इतर रोजाना ओपीडी में सात से आठ हजार मरीज आ रहे हैं. 4500 बेड हैं. 200 से ज्यादा आईसीयू बेड हैं, जिनमें गंभीर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण अस्पताल की ओपीडी के बाहर लंबी लाइन लगी रहती है. कई बार ऐसा होता है कि मरीजों में आपस में ही हाथापाई हो जाती है. इसके अलावा कर्मचारी और तीमारदारों में बहस बाजी हो जाती है, इन सब को देखते हुए डॉक्टर भी पैनिक हो जाते हैं. जिसकी वजह से कोई दिक्कत परेशानी होती है. अगर समय-समय पर इन डॉक्टरों और कर्मचारियों का काउंसलिंग होती रहेगी तो इससे वह न सिर्फ ठीक रहेंगे बल्कि मरीजों का भी अच्छे से इलाज कर सकेंगे. चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डॉक्टर्स व कर्मचारियों ने कोविड में भी कई सहयोगी और परिवार के सदस्यों को खोया. यह घटनाएं चिंता का विषय हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, डॉक्टर और रेजिडेंट की विभागवार साइकेट्रिक काउंसलिंग की जरूरत है. इसके लिए 10 दिन के अंदर समय सारिणी तैयार होगी. सबसे पहले प्रशासनिक कार्यालय में तैनात कार्मिकों की काउंसिलिंग होगी.

यह भी पढ़ें : यूपी पावर कारपोरेशन को मिलेगा महंगा लोन तो बढ़ेगी महंगी बिजली की टेंशन

ABOUT THE AUTHOR

...view details