लखनऊ:राजधानी में कोविड-19 को लेकर मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली डॉक्टर दीप्ति से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि पहले आम समय में जब हम ड्यूटी करने जाते थे तो उसी समय हमारा बेटा भी स्कूल चला जाता था. जब से कोविड-19 जैसी महामारी देश में फैली है, तब से लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. अब तक कई बार वर्किंग टाइम में मेरा बेटा मुझे फोन करता है. कभी-कभी वीडियो कॉलिंग भी करता है. वो कहता है कि मुझे आपकी बहुत याद आ रही है, लेकिन सर्वप्रथम हमारा कार्य क्षेत्र ड्यूटी करना है जिसे मैं पहले करती हूं.
KGMU की डॉक्टर दीप्ति ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत - covid-19
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड-19 को लेकर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर दीप्ति ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत कोविड-19 को लेकर अपनी बात रखी.
मरीजों को देती हूं प्राथमिकता
जब मैं मरीजों का इलाज करती हूं तो पहले उसे प्राथमिकता से देखती हूं. ड्यूटी करके जब मैं घर जाती हूं तो पहले पूरी तरह फ्रेश होने के बाद हाथों को सैनिटाइज कर मिलती हूं. इस बात से बेटे को कई बार बुरा लगता है कि मम्मा पहले आती थी तो डायरेक्ट हमको गले लगा लेती थी, हमें प्यार करती थी, लेकिन आज के दौर में पहले वॉशरूम में जाती हैं. हमारे लिए हमारा कार्य क्षेत्र, हमारा प्रोफेसन पहले हैं इसलिए मैं उसे प्राथमिकता देती हूं.
परिवार से जल्दी नहीं कर पाते बातें
वहीं दूसरी तरफ सरकार ने 100 सैया हॉस्पिटल को भी कोविड-19 के मरीजों के लिए नियुक्त किया है. राजधानी में सबसे ज्यादा मरीज इसी हॉस्पिटल में है. यहां के इंचार्ज डॉ. गिरीश पाण्डेय से जब बात की गई तो उनका दर्द भी साफ आंखों में दिखाई पड़ा. उनकी 28 दिनों की 24 घंटे की ड्यूटी हॉस्पिटल के अंदर लगी है उनके अंडर में कई जूनियर डॉक्टर काम करते हैं. हमारे एक छोटी बेटी है वह दिन में कई बार वीडियो कॉलिंग और वॉइस कॉलिंग करती है, लेकिन मैं कोविड-19 के पेशेंट के साथ रहता हूं इसलिए फोन से बात नहीं कर पाता.