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लखनऊ: इलाज करने के साथ कोरोना सैंपल की जांच में भी अग्रणी बना केजीएमयू

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Published : Jun 7, 2020, 6:29 AM IST

राजधानी लखनऊ का केजीएमयू चिकित्सा विश्वविद्यालय इलाज के साथ ही साथ कोरोना की जांच में अग्रणी बना हुआ है. यहां अब तक 50,000 से ज्यादा जांच कराई जा चुकी है.

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केजीएमयू.

लखनऊ:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रदेश का पहला ऐसा चिकित्सा संस्थान बन चुका है, जहां पर अलग-अलग मर्जों के साथ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को इलाज कर ठीक किया जा चुका है. इसके साथ ही अब तक सबसे अधिक कोरोना वायरस के सैंपल की जांच भी कर चुका है. केजीएमयू में अब तक 50,000 से भी अधिक कोरोना वायरस के नमूनों की जांच हो चुकी है.

कोविड-19 के महामारी के शुरू होने से ही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जांच से लेकर इलाज के क्षेत्र में आगे रहा है. इस बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि जब से हमने कोरोना वायरस के नमूनों की जांच शुरू की है, तब से आज तक यह संख्या पचास हजार से भी ज्यादा पार कर चुकी है. अब तक हम 54,075 जांचे कर चुके हैं.

जानकारी देते डॉ. सुधीर सिंह.

उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसी भी अन्य चिकित्सा संस्थान में अब तक यह संख्या इतनी नहीं पहुंची है. यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है. इसके अलावा प्रदेश भर में केजीएमयू की चिकित्सा व्यवस्था हमेशा से अग्रणी रही है और लगातार मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है.

बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक में कोरोना
डॉ. सुधीर ने बताया कि केजीएमयू में अब तक 1265 रोगियों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. इन सभी में उत्साहवर्धक बात यह है कि इनमें से हमारे संस्थान में भर्ती हुए 98 फीसदी रोगी ठीक हो कर घर जा चुके हैं. वह कहते हैं कि यदि कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट और भर्ती मरीजों का स्पेक्ट्रम देखा जाए तो इन मरीजों में एक ढाई साल का बच्चा भी शामिल है, 70- 75 वर्ष के बुजुर्ग भी शामिल हैं और इसके साथ ही कैंसर जैसे गंभीर मरीजों से ग्रसित होने वाले कोरोना संक्रमित मरीज भी शामिल हैं.

कैंसर पीड़ित कोरोना संक्रमित का हुआ इलाज
कैंसर संक्रमित मरीजों में एक मरीज को आहार नली का कैंसर था तो वहीं दूसरी महिला मरीज को ब्रेस्ट कैंसर की समस्या थी. दोनों ही कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, जिनका संस्थान में इलाज किया गया और वह सकुशल घर वापस गए हैं.

अन्य कई बीमारियों से पीड़ित थे संक्रमित
डॉ. सुधीर कहते हैं कि यहां पर यह कहना और समझा जाना बेहद जरूरी है कि कैंसर के मरीजों में इम्यूनिटी पावर बेहद कम हो जाती है. इसके बावजूद वह मरीज ठीक हो चुके हैं. यह हमारे लिए शुभ संकेत है. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कोरोना वार्ड में कैंसर के मरीजों के साथ ही साथ कोरोना संक्रमित मरीजों में अनकंट्रोल्ड डायबिटीज के रोगी, एचआईवी पीड़ित, न्यूरोलॉजी की समस्या के रोगी और सांस की गंभीर समस्याओं के मरीज भी शामिल हुए. इन सभी को कोरोना वायरस से मुक्त कर घर भेजा जा चुका है.

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