लखनऊ:कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई थी. इस दौरान लोग घर-परिवार के साथ रह रहे थे. ऐसे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक चिकित्सा रोग विभाग ने लोगों की मानसिक स्थिति जानने के लिए एक ऑनलाइन सर्वे किया. जिसके अपेक्षा के उलट परिणाम आए हैं. इस सर्वे में तकरीबन 74% लोग ऐसे थे जो स्ट्रेस में पाए गए.
मानसिक चिकित्सा रोग विभाग ने करवाया सर्वे
सर्वे के बारे में केजीएमयू के मानसिक चिकित्सा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दलाल ने बताया कि कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन में घर में रह रहे लोगों की मानसिक स्थिति कैसी रही, इसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए यह ऑनलाइन सर्वे किया गया था. इसमें तकरीबन अट्ठारह सौ इकहत्तर लोगों ने प्रतिभाग किया था. इनमें से लगभग 17 सौ लोगों के जवाब की एनालिसिस की गई.
इस सर्वे के दौरान हमने लोगों से एंजाइटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस के साथ सोशल वेल बीइंग की एक्टिविटी के बारे में कुछ सवाल किए थे. इसकी रिपोर्ट दुनिया भर में मानी गई है. इस सर्वे में ऑथेंटिक स्केल के आधार पर आंकड़े तैयार किए गए हैं.
लॉकडाउन के दौरान 74% लोग स्ट्रेस में पाए गए
डॉक्टर दलाल ने बताया कि हमें जो आंकड़े मिले हैं, वह बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान तकरीबन 38.5 प्रतिशत लोगों को एंजाइटी डिसऑर्डर रहा. 9.5 प्रतिशत लोगों में डिप्रेशन की समस्या पाई गई. यदि इन दोनों को जोड़ दिया जाए तो लगभग 40 प्रतिशत लोग यानी हर 5 में से 2 व्यक्तियों के सामने एंजाइटी या डिप्रेशन जैसी समस्याएं आईं.