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केजीएमयू-बीएचयू करेगा 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट की जांच, बच्चों को लेकर अलर्ट

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Published : Jun 26, 2021, 11:05 AM IST

महराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' (delta plus variant) के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले यात्रियों से यूपी में भी खतरा बढ़ गया है. इसका संक्रमण रोकने के लिए जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट पर जोर दिया जाएगा. प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू और बीएचयू की लैब चयनित की गई हैं. इनमें सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सीएम ने दिये हैं.

केजीएमयू-बीएचयू करेगा 'डेल्टा प्लस' की जांच
केजीएमयू-बीएचयू करेगा 'डेल्टा प्लस' की जांच

लखनऊ : कोरोना वायरस के घातक वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' (delta plus variant) को लेकर यूपी में अलर्ट जारी हो गया है. खासकर, बाहर से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट होगा. वहीं पॉजिटिव पाए जाने पर उनका सैम्पल जीन सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा, ताकि वैरिएंट का पता लग सके. इसके लिए केजीएमयू-बीएचयू की लैब को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

दरअसल, महराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले यात्रियों से यूपी में भी खतरा बढ़ गया है. इसका संक्रमण रोकने के लिए जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट पर जोर दिया जाएगा. प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू और बीएचयू की लैब चयनित की गई हैं. इनमें सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सीएम ने दिये हैं. वहीं जीन सीक्‍वेंसिंग की जांच ट्रायल के तौर पर केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी. इससे पहले सैंपल पुणे भेजे जाते थे.

एयरपोर्ट से लेकर बस स्टॉप तक टीम मुस्तैद

प्रदेश में आने वाले सभी यात्रियों का पहले एंटीजेन टेस्ट (antigen test) होगा. पॉजिटिव मिलने पर आरटीपीसीआर(RT-PCR) होगा. इसके साथ ही सैंपल से जीन सिक्वेंसिंग के लिए भेज दिया जाएगा. रेलवे, बस , एयरोर्ट से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के जिलों से भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' के सैंपल लिए जाएंगे. रिपोर्ट के बाद डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जाएगी.

पढ़ें-यूपी में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर सरकार अलर्ट


डॉक्टरों ने तैयार की रिपोर्ट, बच्चों को खतरा ज्यादा

यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने डेल्टा प्लस पर सरकार को नीति बना कर दे दी है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने इससे बचाव के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे आयु वर्ग के लोगों की अपेक्षा इस नए वैरिएंट का दुष्प्रभाव बच्चों पर कहीं अधिक हो सकता है. सीएम ने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार, सभी जरूरी कदम उठाए जाने के आदेश दिए हैं. साथ ही समिति के सदस्यों व अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों को बीमारी के प्रति जनजागरूकता करने को भी कहा है.

11 देशों में पाए गए 197 केस, भारत में आठ

16 जून तक दुनिया के 11 देशों में 197 केस डेल्टा प्लस के सामने आए। जिसमें ब्रिटेन, भारत, कनाडा, जापान,नेपाल, पोलैंड, यूएस समेत अन्य देश शामिल हैं. जिसमें भारत में आठ केस की पुष्टि की गई है. जीन सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट सात दिन में आएगी.

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