लखनऊ:केजीएमयू में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रविवार को कार्यक्रम था. इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि रहीं. कार्यक्रम में केजीएमयू के डॉक्टरों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. नतीजतन कार्यक्रम में अपेक्षा के अनुसार डॉक्टरों ने शिरकत नहीं की. अब केजीएमयू प्रशासन ने सभी डॉक्टरों को नोटिस भेजकर कार्यक्रम में न आने की जानकारी मांगी है.
केजीएमयू में करीब 450 डॉक्टर तैनात हैं. करीब 50 से अधिक विभागों का संचालन हो रहा है. कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने सोमवार को सभी विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी किया. नोटिस में कहा गया है कि प्रत्येक विभाग से दो डॉक्टरों को कार्यक्रम में आने के लिए कहा गया था, लेकिन बहुत से विभाग के डॉक्टर कार्यक्रम में गैरहाजिर रहे. यह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है. कुलपति ने आठ मार्च दोपहर 12 बजे तक कार्यक्रम में शामिल न होने वाले विभागाध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. नोटिस से केजीएमयू के डॉक्टरों में हचलच मच गई है. उधर, डॉक्टरों का कहना है कि कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया था. रविवार होने के नाते ज्यादातर डॉक्टर नहीं आ सके.
बेटा-बेटी में नहीं कोई अंतर : राज्यपाल
वहीं, सोमवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्यपाल ने लोहिया संस्थान और एकम फाउंडेशन की तरफ से सर्वाइकल कैंसर जागरूकता व रोकथाम अभियान का शुभारम्भ किया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें. क्योंकि गन्दगी से बीमारियां फैलती हैं. महिलाएं तेजी से सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आ रही हैं. समय पर इलाज से यह कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है. किसी भी बच्ची या महिला को असामान्य लक्ष्य दिखाई दें तो उन्हें गम्भीरता से लें. डॉक्टर की सलाह लें. समय पर सलाह व जांच से कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है. जागरुकता से कैंसर से काफी हद तक बचाव संभव है. कार्यक्रम ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, बेटे और बेटियों में फर्क न समझे. बचपन से ही बेटियों के खान-पान पर ध्यान दें. उन्हें पौष्टिक आहार दें. कमजोर शरीर में बीमारी आसानी से पनप आती है.