लखनऊ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में हो रहे भ्रष्टाचार के खेल को उजागर किया है. गत 26 अगस्त को लिखे पत्र में डिप्टी सीएम ने एलडीए में हुए घोटाले की लिस्ट भी सीएम योगी को भेजी है. इस पत्र में मौर्य ने कॉमर्शियल प्लॉट के आवंटन, पुरानी योजनाओं की फाइल गायब होने, प्लॉटों में फर्जीवाड़ा करने के साथ ही निजी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने जैसे मामले उठाए हैं.
डिप्टी सीएम केशव ने पत्र में यह भी कहा है कि उन्हें इस संबंध में जनप्रतिनिधियों और कई अन्य लोगों द्वारा लगातार शिकायत मिल रही थीं, जिस वजह से उन्होंने मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराया है. ताकि इस पर ठोस कार्रवाई की जा सके.
एलडीए की चुप्पी पर उठे सवाल
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लखनऊ विकास प्राधिकरण में भारी अनियमितता की शिकायत करने से भ्रष्टाचार के स्वरूप का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. सीएम को लिखित पत्र में 9 दिन पुरानी कंपनी को प्लाट आवंटन का जिक्र किया गया है. बिल्डर के फर्जीवाड़े पर एलडीए की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए हैं. पत्र में कहा गया है कि एलडीए के अधिकारी बिल्डर पर मेहरबान हैं. बिल्डर के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
पत्र के निकाले जा रहे कई मायने
डिप्टी सीएम केशव द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में सीएम को पत्र लिखे जाने के प्रकरण के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एक तो यह कि मुख्यमंत्री लखनऊ में ही बैठते हैं और वह सुबह जनसुनवाई भी करते हैं. यह मामला भी लखनऊ का है. जिन लोगों ने केशव मौर्य से शिकायत की, वे लोग सीएम योगी से भी कर सकते थे.