लखनऊ: राजधानी लखनऊ के कानपुर रोड स्थित सिटी मान्टेसरी स्कूल आडिटोरियम में रविवार को गीता जयन्ती महोत्सव तथा गीता अन्र्तसंगीत पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व संस्कृत विभाग के अध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डे, भारत समृद्धि के अध्यक्ष शैलेश दूबे सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्जवलन के साथ की.
कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की पुस्तक गीता अन्र्तसंगीत का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने गीता के कई श्लोकों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जीवन का प्रमुख उद्देश्य सुख प्राप्त करना नहीं, बल्कि गीता के शब्दों में ज्ञान की प्राप्ति करना है. सुख तो कोई भी मनुष्य पैसा और पावर होने पर प्राप्त कर सकता है, लेकिन जीवन उसी का सफल है जो मनुष्य ज्ञान की प्राप्ति करता है. इसलिए जीवन का प्रमुख उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति का होना चाहिए.
लखनऊ में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammad Khan in Lucknow) ने कहा कि गीता में एक सबसे महत्वपूर्ण बात कर्म है. कर्म करते रहना चाहिए. उसमें कभी भी फल की इच्छा नहीं होनी चाहिए. जो भी कर्म आप मन से करेंगे, तो उसमें सफलता आपके कदम चूमेगी. फल की इच्छा न रखते हुए पूरे मनोयोग से अपने कार्य में पूर्णता लाने का संदेश केवल गीता में ही दिया गया है. उन्होंने कहा कि हृदय नारायण दीक्षित द्वारा लिखित पुस्तक गीता के संदेश के प्रचार प्रसार में काफी उपयोगी होगी.