लखनऊ : विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि कानपुर देहात की दुखद घटना ने यूपी सहित देश को शर्मसार करने वाली घटना हुई है. घटना के फुटेज ने मानव जगत को शर्मसार कर दिया है. अफसरों ने मनमानी तरीके से एक ब्राह्मण परिवार को बर्बाद कर दिया. उस पर आरोप है कि उसने कुछ जमीन ग्राम समाज की आती है उस पर कब्जा है. पीड़ित परिवार ने डीएम के यहां ज्ञापन दिया था. डीएम ने कहा था कि पीड़ित परिवार के व्यक्ति की हिस्ट्रीशीट खुलवा दी जाएगी. ऐसा पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा.
उन्होंने कहा कि ये अधिकार किसने दे दिया कि पूरा परिवार घर के अंदर था और अफसरों और कर्मचारियों ने जाकर आग लगाई. कैसे इतनी असंवेदनशीलता हो सकती है. बुलडोजर चला दिया गया, अफसर तमाशबीन बने. पीड़ित परिवार की बेटी को गरीबी में पढ़ाकर बड़ा किया. लेखपाल और पुलिस और एसडीएम सहित कुछ लोगों को नामजद किया गया है. क्या डीएम की जवाबदेही नहीं है, क्या एसपी की जिम्मेदारी नहीं है, क्या वह सब जांच के दायरे में नहीं आते, क्या यह मान लिया जाए कि डीएम एसपी की कोई जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि बुलडोजर काल बन गया है. वहां की स्थानीय मंत्री ने बयान दिया है कि मेरा मंत्री होना बेकार है. मैं न्याय नहीं दिला पाई. जिस क्षेत्र की महिला कल्याण की मंत्री कह रही हों कि मैं न्याय नहीं दिला पाई. समाजवादी पार्टी के निर्देश पर सपा का प्रतिनिधि मंडल जा रहा था तो उसे जाने नहीं दिया गया. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम लोग इसलिए परिवार के साथ संवेदना व्यक्त कर सकें और घटना की जानकारी अपने नेतृत्व को दे सकें. मजबूर होकर हम लोगों को धरने पर बैठना पड़ा. सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी के घर पर छावनी बना दी गई. ऐसी ही स्थिति सभी विधायकों के यहां हुई. लोकतंत्र में यह स्थिति खतरनाक है. इससे पहले भी कानपुर में बलवंत की हत्या हुई, न्याय नहीं दिया गया, पीड़ित परिवार को. प्रदेश में रोज़ घटनाएं हो रही हैं. कन्नौज में शाक्य परिवार की हत्या हो गई. पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हत्या हुई.