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Kanpur Dehat Incident: कमिश्नर डाॅ. राजशेखर का दावा, एक हफ्ते में एसआईटी सामने लाएगी सच - प्रशासनिक लापरवाही की जांच

कानपुर देहात के मंडौली गांव ( Kanpur Dehat Incident) में मां बेटी की जल कर मौत में मामले में रूरा थाने में दर्ज FIR की विवेचना के लिए डीजीपी ने SIT का गठन किया है. कानपुर के कमिश्नर डाॅ. राजशेखर के अनुसार घटना से जुड़े कई अहम तथ्य जुटा लिए गए हैं. जल्द ही सीएम कार्यालय को रिपोर्ट देंगे.

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Published : Feb 16, 2023, 4:24 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 4:48 PM IST

कानपुर के कमिश्नर डाॅ. राजशेखर ने दी जानकारी.

कानपुर : कानपुर देहात मामले में डीजीपी ने एसआईटी गठित कर दी है. हरदोई SP राजेश द्विवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय SIT गठित हुई है. सीओ विकास जायसवाल विवेचक नियुक्त, शहर कोतवाल संजय पांडेय, क्राइम ब्रांच से रमेश चन्द्र और महिला थाना प्रभारी रामसुखारी सदस्य होंगी. कानपुर देहात के रूरा थाने में दर्ज FIR की विवेचना के लिए डीजीपी ने SIT का गठन किया है. कानपुर देहात के मड़ौली गांव की घटना में 12 नामजद समेत 30 लोगों पर FIR दर्ज हुई है. इनमें SDM, लेखपाल, SO समेत कई पुलिसकर्मियों पर 302, 307, 436, 429, 323, और 34 IPC में मुकदमा दर्ज हुआ है.

कानपुर देहात के मड़ौली गांव मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले पर स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया है. वहीं, एसआईटी के सदस्य और कानपुर के कमिश्नर डाॅ. राजशेखर ने ईटीवी भारत संवाददाता से बताया कि एक हफ्ते के अंदर ही मड़ौली कांड का सच सबके सामने आ जाएगा. घटना से जुड़े कई अहम तथ्य जुटा लिए गए और लगातार मामले की तह तक जाने के लिए जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं. प्रथम दृष्टया जिन्हें आरोपी माना जा रहा है या जो चश्मदीद हैं, उनसे हर बात पूछी जाएगी. आखिर उस समय ऐसा क्या हुआ जो अफसरों ने जल्दबाजी कर दी.



दरअसल, कानपुर देहात के मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत की गई थी. सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद राजस्व कर्मियों और पुलिस के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे. इस दौरान जेसीबी से मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया. जिससे इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद 44 साल की प्रमिला व उनकी बेटी नेहा की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे. परिजनों का आरोप है कि जिस बुलडोजर से उनकी झोपड़ी को ढहाया गया, उस झोपड़ी के अंदर मां-बेटी मौजूद थीं. पुलिस व प्रशासन के अफसरों के सामने ही मां-बेटी जिंदा जलकर मर गईं. उन्होंने जिले के जिम्मेदार अफसरों से यह गुहार लगाई थी कि उन्हें रहने के लिए कोई आवास या जमीन उपलब्ध करा दी जाए, लेकिन अफसरों ने अनसुना कर दिया.

इस मामले में रूरा थाने में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, कानून गो, 3 लेखपाल, थाना प्रभारी रूरा समेत कई पुलिसकर्मियों पर 302, 307, 436, 429, 323, और 34 IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी मुकदमे को विवेचना के लिए डीजीपी ने एसआईटी गठित की है. इसमें हरदोई पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी अध्यक्ष, सीओ विकास जायसवाल को विवेचक नियुक्त किया गया है. शहर कोतवाल संजय पांडेय, क्राइम ब्रांच से रमेश चन्द्र और महिला थाना प्रभारी रामसुखारी सदस्य हैं.

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Last Updated : Feb 16, 2023, 4:48 PM IST

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