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कमलेश तिवारी हत्याकांड: हत्यारों ने 15 बार सीने पर किया चाकू से वार, फिर सिर में मारी गोली

यूपी के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. हत्यारों ने उनके सीने पर 15 बार चाकू से वार किया था और फिर सिर में गोली मार दी. यह इस तरह की पहली घटना है, जिसमें सांप्रदायिकता की बात निकलकर सामने आ रही है.

कमलेश तिवारी हत्याकांड.

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Published : Oct 23, 2019, 2:55 PM IST

लखनऊ: कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएस ने मंगलवार रात गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से दोनों हत्यारों मोइनुद्दीन व अशफाक को गिरफ्तार कर लिया. इन दोनों हत्यारों को यूपी लाने के लिए लखनऊ पुलिस की 4 सदस्यीय टीम गुजरात पहुंच चुकी है.

कमलेश तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे.

कमलेश तिवारी हत्याकांड उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित हत्याकांड है. इसमें दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी की दर्दनाक हत्या को अंजाम दिया. हत्यारों ने किस बेदर्दी से कमलेश तिवारी की हत्या की, इसका अंदाजा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लगाया जा सकता है. डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि की है कि कमलेश तिवारी को 15 बार चाकू से गोदा गया. सीने पर किए गए वार से 4 सेंटीमीटर गहरा निशान मिला है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चेहरे पर बुलेट इन्जरी भी सामने आई है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि हत्यारों ने कमलेश तिवारी के चेहरे पर गोली मारी. वहीं पोस्टमार्टम में धारदार चाकू से गला रेतने की भी पुष्टि हुई है. शरीर को दो जगह से रेता गया है. जिस तरीके से हत्या की गई, इससे इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता था कि हत्यारे कमलेश तिवारी से बेहद नाराज थे और क्रूरता से उनकी हत्या को अंजाम दिया.

...तो सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक पोस्ट करने वालों का यही होगा हश्र

जिस अंदाज में कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम दिया गया, यह अपने आप में पहली घटना है, जिसमें साम्प्रदायिक कनेक्शन मिला है. लखनऊ में इससे पहले इस तरीके की कोई घटना सामने नहीं आई है. अब तक की पुलिस की तफ्तीश में जो चीजें निकलकर सामने आई है, उसमें यह माना जा रहा है कि हत्यारों ने एक मैसेज देने का प्रयास किया था कि फेसबुक पर विवादित व सांप्रदायिक पोस्ट करने वालों का यही हश्र होगा. गौर करने वाली बात यह है हत्यारों ने कमलेश तिवारी के सिर में गोली मारने के साथ ही कई बार उनके शरीर पर वार किए व गर्दन रेत दी, जो कि दहशत फैलाने वाला कातिलाना अंदाज है.
राजधानी में क्रूरता की ऐसी पहली घटना
वरिष्ठ पत्रकार रतन मणिलाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कमलेश तिवारी हत्याकांड उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा हत्याकांड है, जिसमें सांप्रदायिक बात निकलकर सामने आ रही है और नृशंस तरीके से घटना को अंजाम दिया गया. हत्यारे सिर्फ कमलेश तिवारी की हत्या नहीं करना चाह रहे थे बल्कि वह मरने से पहले उन्हें तकलीफ देना चाह रहे थे और एक मैसेज देना चाह रहे थे कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बातें करने वालों का ऐसा ही हश्र होगा।

योजना बनाकर हत्या को दिया गया अंजाम
अब तक की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी की हत्या 2015 में एक सांप्रदायिक विवादित बयान को लेकर की है. दोनों आरोपी कमलेश तिवारी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर आक्रोशित थे, जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई. यह हत्या पूरी योजना बनाकर की गई और इस हत्या के तार गुजरात व महाराष्ट्र से भी जुड़े हुए मिले.

तीन आरोपी फैजान, रशीद और मोहसिन को सूरत (गुजरात) से गिरफ्तार किया गया है. इनके ऊपर आरोप है कि इन्होंने कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रची थी. वहीं एक आरोपी आसिफ अली को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है, जिसके ऊपर दोनों हत्यारों की मदद करने का आरोप है.

यूट्यूब के जरिए युवाओं को करता था गुमराह
नागपुर से गिरफ्तार किया गया आसिफ यूट्यूब वीडियो के माध्यम से सांप्रदायिक बातें करते हुए युवाओं को गुमराह करता था. इसने अब तक यूट्यूब पर 200 से अधिक वीडियो शेयर किए हैं. अपने एक यूट्यूब वीडियो में यह कमलेश तिवारी के बारे में यह कहता हुआ नजर आ रहा है कि कमलेश तिवारी की सजा सिर्फ और सिर्फ मौत है.

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