लखनऊ :चित्रकार कैनवास पर तो चित्रों की रचना करते ही हैं, लेकिन वे कई बार शब्दों से भी चित्र बना देते हैं. कला एवं शिल्प महाविद्यालय में चल रहे लखनऊ कला रंग में शामिल हुए देश के विख्यात चित्रकारों ने तीसरे और आखिरी दिन बुधवार को अपनी कविताएं सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. नादरंग सांस्कृतिक पत्रिका के सहयोग से आयोजित इस उत्सव में 'कला और कविता' सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल चित्रकारों के अतिरिक्त कई प्रसिद्ध चित्रकारों की कविताओं का पाठ किया गया. इस दौरान चित्रकारों का सम्मान भी हुआ.
चित्रकार ने सुनाई कोरोना पर कविता
प्रसिद्ध चित्रकार प्रभाकर कोलते ने इस मौके पर कोरोना पर लिखी अपनी कविता सुनाई. उन्होंने सुनाया- अगर वह हमारे लिए विषाणु है तो हम भी उसके लिए विषाणु से कम नहीं. उन्होंने अपनी कई मराठी कविताएं भी सुनाईं.