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कलाकार घेरे का आयोजन करके सपा करेगी प्रदेश सरकार का घेराव

लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा पार्टी ‘कलाकार घेरा‘ कार्यक्रम आयोजित करेगी. इसमें कलाकारों के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी.

काले घेरे का हुआ आयोजन
काले घेरे का हुआ आयोजन

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Published : Mar 27, 2021, 1:52 AM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस पर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए समाजवादी पार्टी प्रदेश भर में ‘कलाकार घेरा‘ कार्यक्रम आयोजित करेगी. इसमें अपनी-अपनी कला की रक्षा के लिए अभिनय, व्यंग, लेखन, नृत्य, गीत-संगीत, टीवी, फिल्म, रंगकर्म और अन्य कलाओं के कलाकार एकजुट होकर अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति से विरोध प्रकट करेंगे. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कलाकारों से अपील की है कि कलाकार आगे आएं और विविध कलाओं से जुड़े अपने मुद्दों को लेकर इस कार्यक्रम से जुड़ें और संकीर्ण सोच वाली सरकार को हटाने का प्रयास करें.

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यह है उद्देश्य

‘कलाकार घेरा‘ कार्यक्रम का उद्देश्य सत्ता दल द्वारा कलाओं के राजनीतिकरण के खिलाफ आवाज उठाना है. इसमें कलाकारों की उपेक्षा एवं अपमान करने वाली सरकार को हटाने का संकल्प लिया जाएगा. भाजपा राज में कलाकारों को असुरक्षा के साथ अपमान का भी सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी पर संकट है. कलाकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं. जो सम्मान समाजवादी सरकार दे रही थी, उसे भी समाप्त किया जा रहा है. कलाकारों को दिए जाने वाले कार्यक्रमों में पक्षपात किया जा रहा है.


कलाकारों के मानदेय में किया जा रहा भेदभाव

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कलाकारों को सम्मान देने की जगह कलाकारों को मिलने वाले मानदेय में भी भेदभाव किया जा रहा है. उनकी पेंशन में भी अड़चनें डाली जाती हैं. उनके स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर सत्तारूढ़ सरकार उदासीन है. वयोवृद्ध कलाकारों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. सबसे बढ़कर यह कि वर्तमान सत्तारूढ़ भाजपा दल एक विशेष विचारधारा को प्रचारित करने का कलाकारों पर दबाव बना रही है. उन्हें इसके लिए डराया धमकाया जा रहा है. कलाकारों को कौमी एकता के खिलाफ इस्तेमाल करने की साजिशें होने लगी हैं. कलाओं को विघटन कारी बनाने के तहत कलाओं की विविधता को भी नष्ट करने का षडयंत्र किया जा रहा है.

कलाकारों पर हो रहा अत्याचार

भाजपा सरकार के सत्ता में रहते कला और कलाकारों का मान सम्मान असुरक्षित है. भाजपा द्वारा अपनी एकाधिकारी मानसिकता के तहत कला क्षेत्र में भी खास विचारधारा को प्रोत्साहित करने का दबाव बनाया जाता है. जो कला की विविधता और कलाकार की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करा दी जाती है. ऐसी अराजक स्थिति कभी नहीं हुई थी.

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