लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाए हुए हो, लेकिन उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में सरकार की इस पॉलिसी का भरपूर मजाक बनाया जा रहा है. बिजली विभाग के अवर अभियंता रिश्वत लेने का कोई मौका छोड़ ही नहीं रहे हैं. तमाम इंजीनियरों पर कार्रवाई होने के बावजूद अभी भी रिश्वत लेने में अभियंताओं को डर नहीं लग रहा है.
ऐसे अभियंताओं पर पावर कॉरपोरेशन का सख्त एक्शन भी जारी है. बिजली कनेक्शन के नाम पर गलत एस्टीमेट बनाकर उपभोक्ता को देने के मामले में लखनऊ में अवर अभियन्ता सस्पेंड (Junior engineer suspended in Lucknow over wrong estimate) कर दिया गये. जानकारी के मुताबिक लखनऊ के चिनहट क्षेत्र के तिवारी गंज एनक्लेव फेज थ्री निवासी अजीत कुमार पाण्डेय ने आठ किलोवाट वाणिज्यिक कनेक्शन के लिए आवेदन किया था.
उपभोक्ता को गलत एस्टीमेट देने का मामला, लखनऊ में अवर अभियन्ता सस्पेंड कनेक्शन के लिए उपेंद्र का चक्कर लगाते थक गए लेकिन कनेक्शन आने में सफल नहीं हुए कारण था कि बिना आवश्यकता के ही अवर अभियंता ने 25 केवीए ट्रांसफार्मर का एस्टीमेट थमा (Wrong estimate to consumer) दिया. उपभोक्ता में अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की जिसके बाद विभाग की छवि खराब करने के कारण गोमती नगर के अधीक्षण अभियन्ता ने लेसा के यूएसआईडीसी उपकेन्द्र के अवर अभियन्ता को निलम्बित कर दिया. पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने कहा है कि उपभोक्ता हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है.
विद्युत कनेक्शन देने में स्टीमेट देने की सही प्रक्रिया का पालन किया जाए. किसी भी उपभोक्ता को अनावश्यक या नियम विरुद्ध एस्टीमेट देने की शिकायत प्राप्त होने पर जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके पहले सितंबर माह में ही लखनऊ के विभिन्न उपकेंद्रों के दो अवर अभियंताओं को उपभोक्ता से कनेक्शन के नाम पर रिश्वत मांगने और एस्टीमेट के नाम पर खेल करने का प्रयास कर रहे दो अवर अभियंताओं को सस्पेंड किया गया था. बावजूद इसके अभियंता भ्रष्टाचार फैलाने में कोताही नहीं कर रहे हैं.
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