लखनऊ : 'मैं तीन माह वहां रुका, एक छोटे से कमरे में 15 लोगों के साथ ठूंस कर रखा गया, काम दिया न खाने के लिए पैसे. इन तीन माह में मेरी जिंदगी जहन्नुम बन गई. यह कहना है अमेठी जिले के रहने वाले वारिस अली का. वारिस जॉब के लिए एक टूर एंड ट्रैवल के जरिए वीजा लेकर सऊदी गए थे. टूर एंड ट्रैवल कंपनी ने उन्हें धोखा देकर भेजा और जब वापस आने के लिए वारिस ने मिन्नतें कीं तो उससे ब्लैकमेल कर 60 हजार रुपये और वसूल लिए. वारिस जैसे ही न जाने कितने भारतीय गलत एजेंट के चक्कर में फंस खाड़ी देश जाते है और फिर वहां परेशान होते हैं. ऐसे में यदि आप भी साउदी जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान दें.
15 दिनों में ही जिंदगी बन गई थी जहन्नुम :सऊदी से लौटे गोंडा निवासी वारिस ने बताया वे सउदी में सिर्फ 15 दिन ही रुके थे. इन 15 दिनों में उनकी जिंदगी जहन्नुम से भी बद्तर हो गई थी. उन्होंने बताया कि वो मकैनिक की नौकरी के लिए वीजा लेकर सउदी गए थे. उनके वीजा से लेकर नौकरी तक व्यवस्था एक एजेंट के द्वारा को गई थी. एजेंट के द्वारा बताया गया था कि जैसे ही वो सउदी पहुंचेंगे तो वहां एक एजेंट उन्हे रिसीव करने आएगा, लेकिन हुआ ऐसा नही और वहां कोई भी नहीं पहुंचा. वो टैक्सी लेकर भारत के एजेंट द्वारा बताए गए ऑफिस में पहुंचा. वहां उसे करीब 20 लोगों के साथ एक कमरे में रखा गया. उसे वो जगह भी तस्वीर में दिखाई गई जहां उसे काम करना है, लेकिन कब करना है ये नहीं बताया गया. वारिस ने अपने घर पर कॉल की पैसों की व्यवस्था करवाई और वापस भारत आ गए.