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लखनऊ: पढ़ने का हक पाने लिए दर-दर भटक रही मासूम - उत्तर प्रदेश समाचार

राजधानी लखनऊ में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. यहां बिन बाप की बच्ची जायना शेख को सीएमएस स्कूल से 2 महीने पढ़ाने के बाद निकाल दिया गया, जिसके बाद बच्ची का भविष्य अधर में पड़ा हुआ है.

जायना शेख

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Published : Sep 13, 2019, 11:03 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है जो शिक्षित समाज को आईना दिखाने के लिए पूरी भूमिका निभाता है. यहां एक मासूम बच्ची पढ़ने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर है.

क्या है मामला-
जायना शेख लखनऊ के हुसैनाबाद की रहने वाली हैं. पिता के देहांत के बाद वह अपनी मां शबनम के साथ नानी के घर पर रहती हैं. शबनम दूसरों के घर में काम करके अपनी बच्ची का पालन-पोषण करती हैं. जायना की मां शबनम शेख ने बताया कि सीएमएस स्कूल चौक में बच्ची कई सालों से पढ़ रही थी.

बच्ची को स्कूल से निकाल दिया गया.

सीएमएस स्कूल की फीस बढ़ने के बाद शबनम बच्ची की फीस देने में असमर्थ रही. इसके बाद राइट टू एजुकेशन के तहत गरीब बच्चों का लॉटरी के माध्यम से एडमिशन होता है. इसी की तहत जायना शेख का सीएमएस चौक में एडमिशन हुआ था. स्कूल में बच्ची 2 महीने तक पढ़ी उसके बाद सीएमएस स्कूल ने बच्ची को किसी कारण निकाल दिया और बहुत से कागज पूरे करने को कहा. उसके बाद से ही बच्ची की मां और बच्ची की नानी दोनों बच्ची के एडमिशन के लिए दर-दर भटक रही हैं.

बच्ची की मां का कहना है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीएम कौशल किशोर शर्मा से लिखवा कर ले आई हैं. जायना शेख की मां शबनम शेख का कहना है की वह सभी ऑफिस के चक्कर लगाते लगाते थक गई हैं आखिर कब तक उनकी बच्ची ऐसे ही घूमती रहेगी.

इस मामले में बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने कहा कि हमारे संज्ञान में अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं था अगर ऐसा कोई मामला है तो हम जिला अधिकारी के आदेश के पालन में अभिभावक बच्ची का एडमिशन जिस स्कूल में चाहेंगे वहां उसका एडमिशन करा दिया जाएगा.

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