लखनऊ:लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है. इसके बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाजपा पर हमला करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, रालोद मुखिया जयंत चौधरी सहित विपक्ष के तमाम नेताओं ने आशीष मिश्रा की चुनाव के बीच जमानत पर सवाल उठाए हैं. बता दें कि लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी आशी मिश्रा के अधिवक्ता सलिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जमानत अर्जी पर बहस के दौरान हमने कहा कि आशीष मिश्रा को झूठा फंसाया गया है. वे मौके पर मौजूद नहीं थे. कानूनी औपचारिकता पूरी होते ही दो दिनों के भीतर वे जेल से बाहर आ सकते हैं.
वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आज उस लड़के (आशीष मिश्रा) को जमानत मिली है. थोड़े ही दिनों में खुलकर घूमेगा फिर से, जिसने आपको कुचल डाला तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को सख्त सजा सुनिश्चित करनी चाहिए थी. लेकिन यह विफल रही. लखीमपुर खीरी में हुई इस घटना को दुनिया देख चुकी है. सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि किसानों की मौत के लिए भाजपा जिम्मेदार थी.
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इधर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को तो जमानत मिल गई, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर और लखीमपुर में मरने वाले किसानों को न्याय नहीं मिला है. राजभर ने गंभीर आरोप आरोप लगाते हुए कहा कि जहां कहीं भी भाजपा का निजी हित है, उस व्यक्ति को जमानत मिल जाती है और जब उनका हित पूरा नहीं होता है तो कोई जमानत नहीं होती.
राजभर ने कहा कि आशीष मिश्रा को सिर्फ इसलिए जमानत दी गई, क्योंकि वह एक मंत्री के बेटे हैं. भाजपा जानती है कि वह चुनाव हार रही है. वे समुदाय को यह संदेश देने के लिए जमानत हासिल करके ब्राह्मण वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह जमानत उनके प्रयासों का परिणाम है.
जयंत ने उठाए व्यवस्था पर सवाल वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आशीष मिश्रा की जमानत को लेकर तंज कसा है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि क्या व्यवस्था है!! चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में जमानत.
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